दूध ने पानी से कहा --- बन्धु, किसी मित्र के बिना मेरा ह्रदय सूना है l आओ मैं तुम्हे ह्रदय से लगा लेना चाहता हूँ l पानी ने कहा --- भाई , तुम्हारी बात तो मुझे पसंद है , पर यकीन नहीं होता कि अग्नि परीक्षा के समय भी तुम मुझसे अलग न होगे l दूध ने वचन दिया --ऐसा ही होगा और दोनों में मित्रता हो गई , ऐसी कि उनके पृथक स्वरुप को पहचानना कठिन हो गया l अग्नि हर रोज परीक्षा लेती है और पानी को जलाती है , पर दूध है कि वह हर बार मित्र की रक्षा के लिए अपने आप को जला देता है l दूध और पानी जैसा मेल ही मनुष्य के पारिवारिक और सामाजिक जीवन को सफल बनाता है l
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