कलियुग का साम्राज्य कैसे बढ़ा ? सतयुग धरती की ओर बढ़ रहा था l यह देखकर कलियुग ने अपने सहायकों की सभा बुलाई l किसी ने कहा --- मैं पृथ्वी पर जाकर धन का लालच फैला दूंगा , किसी ने कहा --- हम लोगों को कामनाओं में फंसा देंगे l किसी ने कहा --- नशे की लत लगा देंगे l पर कलि को संतोष नहीं हुआ l एक वृद्ध सहायक एक कोने में बैठा था l वह बोला --- मैं जा कर लोगों में निराशा और आलस पैदा कर दूंगा l उनके साहस को नष्ट कर दूंगा , बस ! फिर वे किसी काम के नहीं रहेंगे l वे अन्याय , अत्याचार के विरुद्ध खड़े नहीं होंगे और किसी बुराई को दूर करने के लिए संघर्ष भी नहीं कर सकेंगे l किसी अच्छाई को उपार्जित करने का साहस भी उनमें नहीं होगा l इस वृद्ध सहायक की बात कलि महाराज को बहुत पसंद आई l उन्होंने उसे अपना प्रधान बना लिया l आज के निराश और आलसी लोग कलि महाराज की प्रजा बने हैं l सतयुग आने के लिए आवश्यक शर्तें ही नहीं हैं l
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