5 February 2023

WISDOM ----

  एक  दिन  कबीर   गंगा  घाट  पर  गए  हुए  थे  l  उन्होंने  एक  ब्राह्मण  को   किनारे  पर   हाथ  से  अपने  शरीर  पर  पानी  डालकर  स्नान  करते  हुए  देखा   तो  अपना  पीतल  का  लोटा   देते  हुए  कहा --- " लीजिए , इस  लोटे  से  आपको  स्नान  करने  में  सुविधा  होगी  l "  लेकिन  ब्राह्मण  ने  कबीर  को  गुस्से  में  घूरते  हुए  कहा  -- " रहने  दे  l  ब्राह्मण  जुलाहे  के  लोटे  से  स्नान  करने  से  भ्रष्ट  हो  जायेगा  l  " इस  पर  संत  कबीर  हँसते  हुए  बोले  --- " लोटा  तो  पीतल  का  है , जुलाहे  का  नहीं  l  रही  भ्रष्ट , अपवित्र  होने  की  बात  ,  तो  मिटटी  से  साफ  कर   गंगा  के  पानी  से  इसे  कई  बार  धोया  है   और  यदि  यह  अभी  भी  अपवित्र  है    तो  मेरे  भाई , दुर्भावनाओं ,  विकारों   से  भरा  मनुष्य   क्या  गंगा  में  नहाने  से  पवित्र  हो  जायेगा   ? "  कबीर  के  इस  जवाब  ने  ब्राह्मण  को  निरुत्तर  कर  दिया  l  

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