जीवन -यापन के लिए धन बहुत जरुरी है l सभी लोग किसी न किसी तरह धन कमाते हैं ताकि उनका और उनके परिवार का गुजारा हो सके l लेकिन जो लोग धनवान बनने और इस क्षेत्र में दूसरों से आगे रहने की दौड़ में सम्मिलित हो जाते हैं , वे अपने लिए तो तनाव को आमंत्रित करते ही हैं , साथ ही सम्पूर्ण समाज के लिए कष्ट का कारण बनते हैं l क्योंकि अति का धन कभी भी ईमानदारी और सच्चाई से नहीं आता उसके लिए अनेकों प्रकार की चालाकियां और चालबाजियाँ करनी पड़ती हैं l इन सबका परिणाम क्या होता है , यह ईश्वरीय विधान के अनुसार काल निश्चित करता है l आज संसार में इतनी अशांति इसीलिए है क्योंकि हर व्यक्ति दौड़ रहा है , दूसरे को धक्का देकर आगे निकलना चाहता है l अब लोगों में धैर्य नहीं है l यह दौड़ परिवार , समाज , राष्ट्र और पूरे संसार में है , प्रत्येक क्षेत्र में है l अहंकार बढ़ जाने और मानवीयता न होने से केवल धक्का ही नहीं है , कुचलकर आगे बढ़ने वाली स्थिति है l यदि इसे रोकने का कोई प्रयास न हो तो छोटी सी चिंगारी दावानल बन जाती है , विश्वयुद्ध का रूप ले लेती है l इससे नुकसान सभी को है l सबके जीवन में कष्ट और मृत्यु के कारण भिन्न -भिन्न होते हैं
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