अनमोल मोती ----- 1. एक संत अपने दस शिष्यों सहित एक वन में रहते थे l एक रात्रि को उन्होंने अपने दसों शिष्यों से विशेष साधना कराई , उन्हें पंक्तिबद्ध बैठाकर ध्यान करने को कहा l रात्रि के तीसरे पहर गुरु ने राम नामक शिष्य को धीरे से बुलाया और उसे दुर्लभ सिद्धि प्रदान की l थोड़ी देर बाद श्याम को बुलाया , पर वह सो रहा था l अत: राम आया और वह सिद्धि लेकर चला गया l इसी प्रकार एक -एक कर के सभी शिष्यों को गुरु ने पुकारा , पर वे सभी सो रहे थे l सोते को जगाने का निषेध था l दसों बार राम आया और एक -एक कर के दसों सिद्धियाँ ले गया l सोने वाले शिष्य दूसरे दिन अपनी भूल भूल पर पछताने लगे l ' जो सोये , सो खोये l '
२. श्रीकृष्ण बांसुरी को अपने ओठों से लगाए रहते थे l अर्जुन ने बांसुरी को इसके लिए बहुत सराहा और इस सौभाग्य का कारण पूछा l बांसुरी ने कहा ---- ' बांसुरी बनने के पूर्व में मैं बांस का एक दुकड़ा मात्र थी , किन्तु जब मैंने अपने आप को कलाकार के हाथों सौंप दिया तो उसने मेरे मूल अस्तित्व को ही समाप्त कर दिया और मुझे पोला बनाकर , गरम लोहे की सलाखों से सारा शरीर छेद दिया l इससे मुझमे सुरीले स्वर निकलने लगे l यही करण है कि कृष्ण मुझे हमेशा ओठों से लगाये रहते हैं l अर्जुन को अहं को समाप्त कर सच्चे समर्पण का एक महान सूत्र ज्ञात हो गया l
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