अनमोल मोती ---- 1 . ' मेढ़क दौड़ता है , उसके पीछे सर्प दौड़ता है , सर्प के पीछे मयूर , मयूर के पीछे सिंह और सिंह के पीछे शिकारी दौड़ रहा है l इस प्रकार अपने -अपने भोजन और विहार की सामग्रियों के पीछे सभी व्याकुल हो रहे हैं , पर पीछे चोटी पकड़े काल खड़ा है , उसे कोई नहीं देखता l "
2 . एक बार अग्निवेश ने आचार्य चरक से पूछा --- " संसार में जो अगणित रोग पाए जाते हैं , उनका कारण क्या है ? " आचार्य ने उत्तर दिया -----" व्यक्ति के पास जिस स्तर के पाप जमा हो जाते हैं , उसी के अनुरूप शारीरिक और मानसिक व्याधियां उत्पन्न होती हैं l व्यक्तिगत व्याधियां ही नहीं , प्रकृति के सामूहिक दंड भी मनुष्य के सामूहिक पतन का दुष्परिणाम होते हैं l " कर्मफल के सिद्धांत पर समस्त संसार का व्यापार चल रहा है l सम्पूर्ण स्रष्टि इस मर्यादा से बंधी हुई है l जो समझदार हैं , वे इस शाश्वत सत्य को समझते हैं और कर्मों के फल को सहर्ष स्वीकार करते हैं l
No comments:
Post a Comment