21 July 2023
WISDOM -----
कहते हैं जो कुछ महाभारत में है , वही इस धरती पर है l व्यक्ति उसके विविध प्रसंगों से शिक्षा नहीं लेता l महाभारत के विभिन्न प्रसंगों में जो छल , कपट , अनीति , अत्याचार , षडयंत्र है उसे लोग बहुत जल्दी सीख लेते हैं , सबने मिलकर अभिमन्यु का वध किया , इसे भी सीखकर लोगों ने समाज में उदाहरण पेश किए हैं लेकिन ऐसे अनैतिक कार्यों का जो दुष्परिणाम हुआ , उसे देखकर किसी ने शिक्षा नहीं ली l धृतराष्ट्र अंधे थे , दुर्योधन अहंकारी था , सत्ता के लोभ में उसने अनीति , षडयंत्र और अत्याचार का मार्ग अपनाया l दुर्योधन युवराज था , इसलिए स्वाभाविक था , उसके सभी कौरव भाई उसी के जैसे अनीति और अत्याचार का समर्थन करने वाले थे l जब द्रोपदी का चीरहरण हुआ तो सब चुप थे , चरित्र के अभाव में अनेक तमाशा देखते हैं और अनेक राज सुख की लालसा में भीष्म पितामह , द्रोणाचार्य और कृपाचार्य की तरह मौन रहते हैं l यही स्थिति आज भी है , जिन पर समाज को दिशा देने की जिम्मेदारी है , वे अपनी दुकान सजाकर मौन रहते हैं l धन और सुख -भोग की लालसा ने लोगों के मनोबल को कमजोर कर दिया है l वैज्ञानिक प्रगति और इस विकास ने मनुष्य को संवेदनहीन बना दिया है l युद्ध और दंगों की असली वजह जो भी हो , ये अच्छे भले मनुष्य को दो पैरों का पशु बना देते हैं l किसी की पशुता और असुरता समाज के सामने आ जाती है और किसी की परदे के पीछे होती है l इसी तरह रावण कितना महान विद्वान् , महावीर , तपस्वी और शिवभक्त था , लेकिन उसके गुणों को अपनाने वाले बहुत कम होंगे l उसकी तरह वेश बदलकर , मुखौटा लगाकर अनैतिक कार्य करने वाले बहुत हैं l जब लोगों के विचारों की दिशा सकारात्मक होगी , संवेदनशील होंगे तभी सुख -शांति होगी l
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