स्वाभिमान ------ मुंशी प्रेमचंद को एक दिन उनके प्रान्त के गवर्नर सर हेली का सन्देश मिला l उसे पढ़कर वह थोड़े चिंतित हो गए क्योंकि उस सन्देश में लिखा था ----- " आपकी बढ़ती हुई लोकप्रियता को देखते हुए सरकार आपको राय साहब ख़िताब देना चाहती है l " जब उनकी पत्नी को इसके बारे में पता चला तो वह बहुत प्रसन्न हुईं और उन्होंने चहकते हुए पूछा ---- " ख़िताब के साथ कुछ और भी देंगे l " हाँ कुछ और भी देंगे l उन्होंने बुझी आवाज में कहा तो आप इतने दुःखी और परेशान क्यों हैं l यह तो ख़ुशी की बात है , पत्नी ने आश्चर्य से कहा l प्रेमचंद ने अपनी पत्नी से कहा ---- " मैं यह सम्मान स्वीकार नहीं कर सकता क्योंकि अब तक मैंने जनता के लिए लिखा है लेकिन राय साहब बनने के बाद मुझे सरकार के लिए लिखना पड़ेगा और मुझे यह स्वीकार नहीं है l इसके बाद उन्होंने राय साहब को सन्देश भिजवाया कि मैं जनता की राय साहबी तो ले सकता हूँ लेकिन सरकार की नहीं l " प्रेमचंद का उत्तर पढ़कर गवर्नर हेली स्तब्ध रह गए लेकिन मन ही मन उन्होंने उनके स्वाभिमान की प्रशंसा की l बाद में प्रेमचंद जब उन्हें किसी आयोजन में मिले तो गवर्नर हेली ने सर झुकाकर उनके स्वाभिमान का सम्मान किया l
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