6 February 2024

WISDOM ------

  लघु कथा ----- एक  बार  एक  घुड़सवार   एक  बस्ती  से  होकर  जा  रहा  था  l  मार्ग  में  एक  चोर  का  घर  पड़ा  l  उसके  बरामदे  में  एक  तोता  पिंजरे  में  बंद  था  ,  जो  उसे  देखकर  बोला  --- " पकड़ो  इसे  , इसका  सारा  माल  लूट  लो  l "  थोड़  आगे  बढ़ने  पर   उसने  देखा  एक  झोंपड़ी  है  , वहां  भी  एक  तोता  पिंजरे  में  बंद  है  l  यह  तोता  उसे  देखकर  बोला --- " आओ  बन्धु  !थक  गए  होंगे  ,  थोड़ा   विश्राम  कर  लो  l "  घुड़सवार  को  बड़ा  आश्चर्य  हुआ   और  वह  वहीँ  बैठ  गया  l  कुछ  समय  बाद  उस  झोंपड़ी  के  अन्दर  से  साधु  निकले   और  उसकी  कुशल -क्षेम  पूछने  लगे  l  घुड़सवार  ने  उन्हें  सारा  वृतांत  कह  सुनाया   और  उनसे  दोनों  तोते  के  भिन्न  व्यवहार  का  कारण  पूछा  l  साधु  ने  कहा ---  ' यह  साधुओं  की  वाणी  सुनता  है  , इसलिए  भला  बोल  रहा  है   और  वह  तोता  चोर -डाकुओं  की  बातें  सुनता  है  , इसलिए  वैसा  ही  बोलता  है   l  सत्य  यही  है  कि  अच्छाई  और  बुराई   संगत  से  ही  उपजती  हैं  l  घुड़सवार  को  समझ  में  आ  गया  कि   सत्संग  से  सज्जन  बनते  हैं  और  कुसंग  से  दुर्जन  l  


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