बादशाह अब्बास अपने एक पदाधिकारी के यहाँ दावत में गए l वहां उन्होंने और सब साथियों ने इतनी मदिरा पी ली कि किसी के होश -हवाश दुरुस्त नहीं रहे l नशे की झोंक में बादशाह खड़े हो गए और उस पदाधिकारी के अंत:पुर की ओर जाने लगे , लेकिन दरवाजे पर उस पदाधिकारी का नौकर इस प्रकार खड़ा था कि उसे हटाये बिना बादशाह भीतर नहीं घुस सकते थे l उन्होंने नौकर से कहा --- " अभी यहाँ से हट जा वरना मैं तलवार से तेरा सिर उड़ा दूंगा l " नौकर ने सिर झुककर कहा ---- " हुजूर , आप मेरे देश के स्वामी हैं , इसलिए मैं आप पर हाथ तो नहीं उठा सकता , पर यह निश्चय है कि आप मेरी लाश पर पैर रखकर ही भीतर जा सकेंगे l याद रखिए कि भीतर जाने पर बेगमें तलवार लेकर आपका मुकाबला करेंगी , क्योंकि जब उनकी इज्जत पर हमला किया जायेगा तो वे अपना बचाव जरुर करेंगी l " बादशाह का नशा सेवक की खरी बातों को सुनकर ठंडा पड़ गया और वे वापस चले गए l दूसरे दिन उस पदाधिकारी ने बादशाह से कहा ---- " मेरे जिस नौकर ने कल आपके साथ बेअदबी की थी उसे मैंने नौकरी से निकाल दिया है l " बादशाह ने कहा ----- " यह तो बहुत अच्छा हुआ l मैं उसे आपसे मांगकर अपने अंगरक्षकों का सरदार बनाना चाहता था l आप उसे बुलाकर मेरे पास भेज दीजिए l सच्चे व्यक्ति की कद्र सब जगह होती है l
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