3 April 2024

WISDOM -----

  महाकाश्यप  भगवान  बुद्ध  के  प्रमुख  शिष्यों  में  से  एक  थे  l  वह  जब  पहली  बार   भगवान  बुद्ध  से  मिलने  पहुंचे   तो  भगवान   के  उनके  मस्तक  पर  हाथ  रख  देने  से  ही  उन्हें   निर्वाण  की  प्राप्ति  हो  गई  l  यह  देखकर  आनंद  को   बड़ा  आश्चर्य  हुआ  l  उन्होंने  भगवान  बुद्ध  से  प्रश्न  किया  ---- " भगवन  ! यह  व्यक्ति   आज  आया   और  आपके  क्षणिक   स्पर्श  से  मुक्त  हो  गया   और  मैं  सदा  आपके  साथ  रहता  हूँ   तब  भी  उस  अवस्था  को   प्राप्त  न  कर  सका   , ऐसा  क्यों   ? "   बुद्ध  ने  उत्तर  दिया ---- " आनंद  !  तुम  जब  पहली  बार   मुझसे  मिले   तो  तुमने   तीन  शर्तें  रखीं   कि  हमेशा  साथ  रहोगे  ,  सदा  मेरे  निकट  सोओगे   और  जिसको  भी   मुझसे  मिलाना  चाहोगे   , उससे  मुझे  मिलना  पड़ेगा  l   तुम्हारा  समर्पण  सशर्त  समर्पण  था   और  महाकाश्यप  का  समर्पण   बिना  किन्ही  अपेक्षाओं  के  था  l   समर्पण  शर्तों  के  आधार  पर  नहीं  होता  l  जिस  दिन  तुम्हारी  अपेक्षाएं  छूट  जाएँगी  ,  उस  दिन  तुम  भी  उसी   शून्यता   को  उपलब्ध  हो  जाओगे  l  " आनंद  को  अपने  प्रश्नों  का  उत्तर  मिल  गया  l  

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