लाओत्से ने कहा है --- अगर मजे से रहना हो तो आखिरी में रहना l जो अंतिम में खड़ा है उसे कोई धक्का देने नहीं आएगा l अगर प्रथम होने की कोशिश होगी तो फिर अनेकों आ जायेंगे , पीछे खींचने के लिए l इसलिए स्वर्ग के राजा इंद्र को हमेशा बड़ी बेचैनी बनी रहती है l वे सबसे अधिक भयभीत रहते हैं l कोई भी तप से ऊपर उठने की कोशिश करे तो उन्हें बड़ी घबराहट होने लगती है l
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