मनुष्य जीवन में अनेक मुसीबतों और परेशानियों का आना स्वाभाविक है l समस्याएं कभी समाप्त नहीं होतीं , निरंतर अपना रूप बदलकर हमारे समक्ष रहती हैं l लेकिन यदि व्यक्ति आध्यात्मिक है , उसे ईश्वर के विधान पर विश्वास है , उसमें परिश्रम , साहस , धैर्य , बुद्धि , सच्चाई , ईमानदारी , करुणा , दया , कर्तव्यपालन आदि सद्गुण हैं तो ये समस्याएं उसके मन को अशांत नहीं करेंगी l समस्याएं अपनी जगह रहेंगी लेकिन जीवन शांति से चलता रहेगा l हर रात्रि के बाद दिन होता है , यह विश्वास मन को शांत रखता है l लेकिन एक ऐसा व्यक्ति जो कर्मकांड तो करता है लेकिन दिखावा बहुत है , प्रकृति के नियमों पर , ईश्वर की सत्ता पर विश्वास नहीं है , अहंकार है , सद्गुणों की कमी है , उसके जीवन में छोटी सी भी समस्या आ जाए तो रिश्ते -नाते , मित्रों सबको बताकर , रो -धोकर उस समस्या को पहाड़ बना लेगा l जीवन में कठिनाइयाँ आएं तो यथा संभव मौन रहना चाहिए , लेकिन सबसे बोलने बताने से ऐसा व्यक्ति अपनी ऊर्जा तो व्यर्थ गँवाएगा और अहंकारी होने के कारण ईश्वर की कृपा से भी वंचित रहेगा l उसका अशांत मन सब तरफ अशांति ही फैलाएगा l आज संसार में ऐसे ही लोगों की भरमार है l अशांत मन के लोग ही संसार में युद्ध , हिंसा , दंगे , अराजकता के लिए जिम्मेदार है l
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