12 February 2025

WISDOM ------

   दो  मित्र    राम  और   श्याम   जंगल  में  सैर  कर  रहे  थे  l  अचानक  ही  उन्होंने  देखा  कि  एक  भालू  बड़ी  तेजी  से उनकी  ओर  आ  रहा  है  l    राम  पेड़  पर  चढ़ना  जानता  था  इसलिए  वह  शीघ्रता  से  पेड़  पर  चढ़  गया  l   श्याम  पेड़  पर  चढ़ना  नहीं  जानता  था  इसलिए  उसने  राम  से  कहा  कि  तुम  मुझे  थोडा  सहारा  दो  जिससे  मैं  भी  पेड़  की  डाल  पकड़  कर  ऊपर  चढ़  जाऊं  l  राम  ने  सोचा  कि  कहीं  ऐसा  न  हो  कि  श्याम  को  ऊपर  चढ़ाने  में  देर  हो  जाए  और  जब  तक  भालू आकर  उसका  काम -तमाम  कर  दे  l   राम  ने  श्याम  की  बात  को  अनसुना  कर दिया  और  पेड़  पर  पत्तों  की  आड़  में  छुपकर  बैठा  रहा  l  श्याम  ने  बुद्धिमत्ता  से  काम  लिया  और  पेड़  के  नीचे  सांस  रोककर  सीधा  लेट  गया  l  भालू  आया  ,  उसने  श्याम  को  सूंघा  l  श्याम  ने  सांस  रोक  रखी  थी  ,  भालू  ने  समझा  कि  वह  मरा  पड़ा  है   इसलिए  वह  चुपचाप  लौट  गया  l  भालू  के  चले  जाने  पर  राम  नीचे  उतरा   और  हँसते  हुए  श्याम  से  बोला  --- "  भालू  तुम्हारे  कान  में  क्या  कह  रहा  था  ?  "  श्याम  ने  कहा  --- "  भालू  मेरे  कान  में  कह  रहा  था  ---ऐसे  मित्र  का  कभी  विश्वास  न  करो  ,  जो  संकट  के  समय  तुम्हारा  साथ  न  दे  ,  तुम्हे  मुसीबत  में  छोड़  कर  चला  जाये  l "                                                                   कलियुग  में  कृष्ण  और  सुदामा   जैसी  और  दुर्योधन  व  कर्ण   जैसी  मित्रता  असंभव  है  l  यहाँ  तो  सब  स्वार्थ  से  जुड़े  हैं  l  इसलिए  कहते  हैं  मित्रता  और  रिश्ता  बराबर  वालों  में  होना  चाहिए  l  यदि  मित्र  बहुत  अमीर  और  शक्तिशाली  है  तो  वह  आपको  अपने  स्वार्थ  के  लिए  इस्तेमाल  करेगा  और   जब  स्वार्थ  पूरा  हो  जायेगा  या  स्वार्थ  पूरा  होने  की  कोई  संभावना  नहीं  होगी  तो  वह  दूध  की  मक्खी  की  तरह  बाहर   निकाल  देगा   l   इस  युग  में  संवेदनाएं  कहीं  भी  नहीं  है  ,  सब  जगह  व्यापार  है  ' यूज़  एंड   थ्रो '   केवल  वस्तुओं  में  ही  नहीं  है  ,  मानवीय  संबंधों  में  भी  है  l  किसी  विद्वान  ने  सत्य  कहा  है  ---- ' प्रेम  सबसे  करो ,  लेकिन  विश्वास  किसी  पर  भी  न  करो  l '  

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