प्रत्येक युग की अपनी कुछ विशेषताएं हैं , कलियुग की विशेषता कहें या सबसे बड़ी बुराई कि इस युग में कायरता अपने चरम पर है l छोटे से लेकर बड़े स्तर पर जो भी अपराध होते हैं , उनके पीछे मास्टर माइंड कौन है , यह मालूम करना कठिन है क्योंकि नकारात्मक शक्तियां बहुत मजबूती से संगठित होती हैं l इन्हें केवल इनके अपराध करने के पैटर्न से समझा जा सकता है l नकारात्मक शक्तियां बार -बार उसी पैटर्न से अपराध को अंजाम देती हैं l बुद्धिमान लोग इसे समझ भी जाते हैं लेकिन इसे युग का प्रभाव कहें व्यक्ति अपने स्वार्थ , लालच , लोभ , कामना और महत्वाकांक्षा की वजह से अपने आँख , कान बंद किए रहता है l रावण के दस सिर को लोगों ने अपना आदर्श बना लिया l व्यक्ति सामने से समाज सेवा करता हुआ , धर्म के उपदेश देता हुआ , परिवार में सबको साथ लेकर चलने वाला , समाज के प्रत्येक प्राणी का हित जानने वाला दिखाई देगा लेकिन उसके पीछे कितनी कालिख है l इसे बहुत कम लोग जानते हैं , जो जान जाते हैं वे भी अनजान बनने का नाटक करते हैं l जागरूक रहकर और अपने भीतर सकारात्मकता को बढ़ाकर ही नकारात्मक शक्तियों से मुकाबला किया जा सकता है l जो लोग भी तंत्र आदि किसी भी तरह की नकारात्मक शक्तियों की मदद से अपराध करते हैं , वे स्वयं तो संगठित होते हैं और जिसको अपना लक्ष्य बनाते हैं उसे अकेला कर देते हैं , उसके सुरक्षा -तंत्र को छीन लेते हैं या कमजोर कर देते हैं l असुरता पूरी दुनिया पर अपना राज चाहती है l