यदि किसी व्यक्ति में कोई बुरी आदत है तो यह बुराई किसी एक पर ही सीमित नहीं होती यह बुराई उसके रोम -रोम में समाई होती है जैसे झूठ बोलना एक दुर्गुण है l जो व्यक्ति झूठ बोलता है , वह अपने अपनों से , परिवार में समाज में सब जगह झूठ ही बोलता है इसका दुष्परिणाम यह होता है कि उसकी साख कम हो जाती है , उसके अपने भी उसका विश्वास नहीं करते और इस दुर्गुण का दुष्परिणाम उसे कभी न कभी भोगना अवश्य ही पड़ता है l एक नीति कथा है ---- एक लड़का था , उसे झूठ बोलने की आदत थी , इस आदत से वह अपना मनोरंजन करता था l उसके गाँव में नल में पानी बहुत कम व् कभी -कभी आता था l जब वह देखता कि सब महिलाएं अपने कार्यों में व्यस्त हैं तो चिल्लाकर सबको बुलाता कि नल में पानी आ गया जल्दी आओ l सब अपना काम छोड़कर बरतन लेकर पानी भरने जाते तो वह खूब हँसता , क्योंकि वहां तो सब सूखा ही था l छोटे -छोटे झूठ बोलते बोलते उसे एक दिन बड़ा झूठ बोलने का मन हुआ l वह जंगल में गाय , बकरी आदि जानवरों को चराने ले जाता था l एक दिन अपनी आदत के अनुरूप वह जोर -जोर से चिल्लाने लगा ----- भेड़िया आया , बचाओ ! बचाओ ! सब गाँव वाले लाठी लेकर जंगल की ओर दौड़े l वहां तो भेड़िया नहीं था , वह लड़का जोर से हँसने लगा कि मैंने सबको बुद्धू बना दिया l ऐसा एक बार और हुआ जब गाँव वाले उसकी रक्षा के लिए जंगल में गए l अब वे समझ गए कि यह लड़का झूठ बोलता है , इसका विश्वास नहीं करना है l उस लड़के की यह सोच थी कि इतने सारे जानवर हैं भेड़िया उन्ही को मारेगा , उस पर आक्रमण नहीं करेगा l अब की बार सही में भेड़िया आ गया और सब जानवरों को छोड़ वह उसी पर टूट पड़ा l लड़का बहुत चिल्लाया --बचाओ ! बचाओ ! लेकिन अब कोई उसे बचाने नहीं आया l संध्या हो गई , सब जानवर लौट आए , लेकिन वह लड़का नहीं था उनके साथ l मनुष्य के दुर्गुण स्वयं उसी के लिए घातक होते हैं l