11 March 2025

WISDOM ---

   एक  गुरु  के  दो  शिष्य  थे  l  दोनों  किसान  थे  l  भगवान का  भजन  भी  दोनों  करते  थे  l  किन्तु  एक  बड़ा  सुखी  था  ,  दूसरा  बड़ा  दुःखी  था  l  गुरु  की  मृत्यु  पहले  हुई  ,  उनके  बाद  दोनों  शिष्यों  की  भी  मृत्यु  हो  गई  l  संयोग  से  स्वर्गलोक  में  भी  तीनों  एक  ही  स्थान  पर   आ  मिले  l  पर  यहाँ  भी  स्थिति  पहले  जैसी  थी  l  जो  पृथ्वी  पर  सुखी  था  , वह  यहाँ  भी  प्रसन्नता  का  अनुभव  कर  रहा  था   और  जो  पृथ्वी  पर  अशांत  रहता  था  ,  वह  यहाँ  भी  अशांत  दिखाई  दिया  l   दुःखी  शिष्य  ने  गुरुदेव  से  पूछा  --- "  भगवन  !  लोग  कहते  हैं   कि  ईश्वर भक्ति  से   स्वर्ग  में  सुख  मिलता  है  ,  पर  हम  तो  यहाँ  भी  दुःखी  के  दुःखी   रहे  l "  गुरु  ने  गंभीर  होकर  उत्तर  दिया  ---- " वत्स  !  भक्ति  से  स्वर्ग  तो  मिल  सकता  है  ,  पर  सुख  और  दुःख  मन  की  देन  है  l  मन  शुद्ध  है   तो  नरक  में  भी  सुख  है   और  मन  शुद्ध  नहीं  है   तो  स्वर्ग  में  भी  कोई  सुख  नहीं  है  l