16 May 2025

WISDOM -----

  समय  के   परिवर्तन  के  साथ  लोगों  के  विचार  और  मान्यताएं  भी  बदल  जाती  हैं  l  मनुष्य  के  विचार  उस  युग  की  विशेषताओं  से  प्रभावित  होते  हैं  जैसे  कलियुग  में  स्वार्थ , लालच , कामना ,  अहंकार , महत्वाकांक्षा   की  प्रधानता  है  , इसलिए  मनुष्य  के  विचार  और  कार्य   इन्ही  से  प्रेरित  होते  हैं   जैसे  पहले  जो  चक्रवर्ती  सम्राट  होते  थे  उनका  सभी  राज्यों  पर  प्रभुत्व  होता  था  , सभी  राजा  उनकी  आधीनता  स्वीकार  करते  थे  लेकिन  वो  चक्रवर्ती  सम्राट  उन  विभिन्न  राज्यों  की  कृषि , उद्योग , कला , संस्कृति , शिक्षा , चिकित्सा  आदि  किसी  भी  क्षेत्र  में  हस्तक्षेप  नहीं  करते  थे  l  इससे  लोगों  के  जीवन  में  संतुलन  बना  रहता  था  ,  उनकी  संस्कृति , कला  , चिकित्सा  आदि  सब  जीवित  रहती  थी  l  लेकिन  अब  शक्ति  के  बल  पर   जब  दूसरे  देशों  की  कृषि , चिकित्सा  , शिक्षा  आदि  को  अपनी  इच्छानुसार  चलाने  का  प्रयास  किया  जाता  है   तो  लोगों  का  जीवन , पर्यावरण  सब  असंतुलित  हो  जाता  है   क्योंकि  प्रत्येक  देश  की  मिटटी , प्राकृतिक  दशाएं  , संस्कृति सब  भिन्न  है  l  बर्फीले  क्षेत्र  के  पौधे  को  गर्म  जलवायु  वाले  क्षेत्र  में  लगा  दिया  जाये  तो  क्या  हाल  होगा  ?   दुनिया  के  सबसे  अमीर  , सबसे  शक्तिशाली  बनने  की  होड़  ने  जन -साधारण    के  जीवन  का  सुकून  छीन  लिया  है l  पहले  देशी  तरीके  से  कृषि  उपज  होती  थी  , सब  स्वस्थ  थे  , कोई  भयंकर  बीमारी  नहीं  थी  लेकिन  अब  रासायनिक  खाद , कीटनाशक , रासायनिक  उन्नत  बीज  से  जो  भोजन  सामग्री  उपलब्ध  होती  है  उससे  तो  योग  करने  वाला , नियम संयम  से  रहने  वाला  भी  बीमार  है  l   यदि  किसी  तरीके  से  मनुष्य  के  विचारों  में  परिवर्तन  हो  , जियो  और  जीने  दो  '  का  महत्त्व  समझें  l  गुण -दोष  तो  सब  में  हैं  , प्रत्येक  देश  अपनी  संस्कृति  को  जीवित  रखते  हुए   स्वेच्छा  से  दूसरे  के  गुणों  को  स्वीकार  करे  ,  अपना  अहंकार  छोड़  दे  तब  संसार  में  सुख -शांति  होगी  l