'ईर्ष्या दूसरे के संबंध में सोचती और पड़ौसी के चूल्हे से आग ला कर अपना छप्पर जलाती है |
दो बुढियां पड़ोस में रहती थीं | एक थी उदार और दूसरी ईर्ष्यालु | दोनों ने लंबे समय तक तप किया ,देवता प्रसन्न हुए और वरदान मांगने को कहा --
उदार बुढ़िया ने मांगा -"मुझे जो कुछ भी आप दें ,उससे दोगुना पड़ोसियों को अवश्य दें | "उसके सभी पड़ोसी संपन्न हो गये ,उसका अहसान मानते और सम्मान देते रहे |
ईर्ष्यालु बुढ़िया ने मांगा-" मेरे शरीर के जो दो अंग हैं ,उनमे से एक -एक नष्ट हो जाये साथ ही पड़ोसियों के दोनों नष्ट हो जायें | -"
ईर्ष्यालु ने अपना एक हाथ ,एक पैर ,एक कान ,एक आँख नष्ट करा दी ,परिणाम स्वरुप पड़ोसियों के दोनों हाथ ,दोनों पैर ,दोनों कान ,दोनों आँखे नष्ट हो गईं | वह स्वयं तो दुखी रही ,साथ ही पड़ोसियों को भारी विपति में फँसा दिया |
उदारता और ईर्ष्या के ऐसे ही परिणाम होते हैं |
दो बुढियां पड़ोस में रहती थीं | एक थी उदार और दूसरी ईर्ष्यालु | दोनों ने लंबे समय तक तप किया ,देवता प्रसन्न हुए और वरदान मांगने को कहा --
उदार बुढ़िया ने मांगा -"मुझे जो कुछ भी आप दें ,उससे दोगुना पड़ोसियों को अवश्य दें | "उसके सभी पड़ोसी संपन्न हो गये ,उसका अहसान मानते और सम्मान देते रहे |
ईर्ष्यालु बुढ़िया ने मांगा-" मेरे शरीर के जो दो अंग हैं ,उनमे से एक -एक नष्ट हो जाये साथ ही पड़ोसियों के दोनों नष्ट हो जायें | -"
ईर्ष्यालु ने अपना एक हाथ ,एक पैर ,एक कान ,एक आँख नष्ट करा दी ,परिणाम स्वरुप पड़ोसियों के दोनों हाथ ,दोनों पैर ,दोनों कान ,दोनों आँखे नष्ट हो गईं | वह स्वयं तो दुखी रही ,साथ ही पड़ोसियों को भारी विपति में फँसा दिया |
उदारता और ईर्ष्या के ऐसे ही परिणाम होते हैं |
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