इमर्सन ने कहा है --- ' आओ हम चुप रहें , ताकि फरिश्तों के वार्तालाप सुन सकें l '
प्रकृति निरंतर हमसे कुछ कहना चाहती है l शान्त और एकाग्र मन से ही उनसे वार्तालाप संभव है l मौन रहकर ही अपने अंतराल में उतरने वाले ईश्वर के दिव्य संदेशों , प्रेरणाओं को सुना - समझा जा सकता है l
विश्व के अधिकांश देशों में फैली इस महामारी ने मनुष्य द्वारा अपने सामाजिक जीवन में किये जाने वाले व्यवहार को विकराल रूप में प्रकट कर मानवता को एक सन्देश दिया है ---- संसार के विभिन्न देशों में मनुष्य ने जाति , धर्म , लिंग , रंगरूप , नस्ल , अमीर - गरीब , ऊंच - नीच आदि पर भयानक भेदभाव किया l स्वयं को श्रेष्ठ समझकर दूसरे पक्ष पर अमानवीय अत्याचार किये , उन्हें तिरस्कृत किया l सरल भाषा में कहें तो जिसको अपने से हीन समझा , निम्न श्रेणी का समझा उसको अपने से दूर रहने को कहा , उसको छूने से , उसके साथ उठने बैठने से इनकार किया l
इस वैश्विक महामारी ने सबको एक श्रेणी में ला दिया , एक दूसरे से दूरी बनाकर रहो , टच न करो l प्रकृति में कहीं कोई भेदभाव नहीं है l सूर्य का प्रकाश सबको समान रूप से मिलता है l
विशेषज्ञ इस महामारी से निपटने के तरीके बताते हैं l ईश्वर सर्वोपरि है l संसार में सब लोग मिलकर ईश्वर से प्रार्थना करें और संकल्प लें कि वे हमारी रक्षा करें , स्थिति सामान्य होने पर हम सब भेदभाव मिटाकर सच्चे इनसान बनकर रहेंगे l
सच्चे दिल से की गई प्रार्थना अवश्य सुनी जाती है , ईश्वर हम सबके हृदय में है , इसलिए छल - कपट ईश्वर को पसंद नहीं l
प्रकृति निरंतर हमसे कुछ कहना चाहती है l शान्त और एकाग्र मन से ही उनसे वार्तालाप संभव है l मौन रहकर ही अपने अंतराल में उतरने वाले ईश्वर के दिव्य संदेशों , प्रेरणाओं को सुना - समझा जा सकता है l
विश्व के अधिकांश देशों में फैली इस महामारी ने मनुष्य द्वारा अपने सामाजिक जीवन में किये जाने वाले व्यवहार को विकराल रूप में प्रकट कर मानवता को एक सन्देश दिया है ---- संसार के विभिन्न देशों में मनुष्य ने जाति , धर्म , लिंग , रंगरूप , नस्ल , अमीर - गरीब , ऊंच - नीच आदि पर भयानक भेदभाव किया l स्वयं को श्रेष्ठ समझकर दूसरे पक्ष पर अमानवीय अत्याचार किये , उन्हें तिरस्कृत किया l सरल भाषा में कहें तो जिसको अपने से हीन समझा , निम्न श्रेणी का समझा उसको अपने से दूर रहने को कहा , उसको छूने से , उसके साथ उठने बैठने से इनकार किया l
इस वैश्विक महामारी ने सबको एक श्रेणी में ला दिया , एक दूसरे से दूरी बनाकर रहो , टच न करो l प्रकृति में कहीं कोई भेदभाव नहीं है l सूर्य का प्रकाश सबको समान रूप से मिलता है l
विशेषज्ञ इस महामारी से निपटने के तरीके बताते हैं l ईश्वर सर्वोपरि है l संसार में सब लोग मिलकर ईश्वर से प्रार्थना करें और संकल्प लें कि वे हमारी रक्षा करें , स्थिति सामान्य होने पर हम सब भेदभाव मिटाकर सच्चे इनसान बनकर रहेंगे l
सच्चे दिल से की गई प्रार्थना अवश्य सुनी जाती है , ईश्वर हम सबके हृदय में है , इसलिए छल - कपट ईश्वर को पसंद नहीं l
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