27 April 2020

WISDOM ------

  समय  परिवर्तनशील  है    l   एक  समय  था   जब  वर्ण  व्यवस्था  थी  ,   यह  एक  प्रकार  का  श्रम  विभाजन  था  ,  उस  समय  समाज  के  धन - संपन्न  वर्ग     राज  कार्य  में  सहयोग  के  लिए   धन  देते  थे  ,  सामाजिक  कार्यों  में  भी  सहयोग  देते  थे   l   इसके  पीछे  उनमे  लोक कल्याण  का  भाव  था  l   वे  जो  भी  दान - पुण्य  करते  थे   वह  परोपकार  के  लिए  करते  थे  ,  शासन  की  नीतियों  में  उनका  कोई  हस्तक्षेप  नहीं  होता  था  l
   भौतिक  प्रगति  के   साथ   धन  का   महत्व     बढ़ता  गया  l   जो  ंजितना  धनी   है  उसे  उतना  ही  सम्मान   मिलने  लगा   l   महत्वाकांक्षा  बढ़ती  गई  ,  धीरे - धीरे  उन्होंने  शासन  की  नीतियों   में     हस्तक्षेप  शुरू  कर  दिया  l   अहंकार  भी  आ  गया  कि   जब  हम  इतना  सहयोग  करते  हैं   तो  नीतियां  भी   हमारे  हित    की  होनी  चाहिए  l   तभी  से  राजनीति   व्यवसाय  बन  गई  l   इसी  का  परिणाम  हुआ  कि   अमीर  और  अधिक  अमीर  होते  गए  l   वे  चाहते  भी  नहीं  हैं  कि  गरीबों  के  जीवन  में  कोई  सुधार  हो  ,  उनके  प्रयास  तो  गरीबों  का  शोषण  कर  के   उन्हें  दीन - हीन    बनाये  रखने  के  ही  हैं  l   इस  निर्धन  और  शोषित  वर्ग  को  स्वयं  जागना  होगा   l 

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