16 May 2020

WISDOM ---- स्वार्थ , लोभ - लालच जिसमें जितना अधिक है , वही दरिद्र और सबसे ज्यादा असहाय है

   एक  महारानी  ने  अपनी  मौत  के  बाद  अपनी  कब्र   के  पत्थर  पर   निम्न  पंक्तियाँ  लिखने  का  हुक्म  दिया  था ---- " इस  कब्र  में  अपार  धनराशि  गड़ी   हुई  है  l   जो  व्यक्ति  निहायत  गरीब  एवं   एकदम  असहाय  हो  ,  वह  इसे  खोदकर  ले  सकता  है  l  "
उस  कब्र  के  पास  से  हजारों  दरिद्र  एवं   भिखमंगे  निकले  ,  लेकिन  उनमें  से  कोई  भी   इतना  दरिद्र  और  असहाय  नहीं  था  , जो  धन  के  लिए    मरे  हुए  व्यक्ति  की  कब्र  खोदे  l   एक  अत्यंत  बूढ़ा  भिखमंगा   तो  वहां  सालों - साल  से  रह  रहा  था  l  वह  हमेशा  उधर  से  गुजरने  वाले   प्रत्येक  दरिद्र  व्यक्ति  को   कब्र  की  ओर   इशारा  कर   देता  था  l
आखिर  में  वह  व्यक्ति  आ  ही  गया  , जिसकी  दरिद्रता  इतनी  ज्यादा  थी  कि   उसने  कब्र  को  खोद  ही  डाला  l   वह  व्यक्ति  स्वयं  एक  सम्राट  था   और  उसने  उस  कब्र  वाले  देश  को   बस   अभी  - अभी  जीता  था   l   उसने  अपनी  विजय  के  साथ  इस  कब्र  की  खुदाई  शुरू  करा  दी  ,  पर  उसे  उस  कब्र  में   एक  पत्थर  के  सिवाय   और  कुछ  नहीं  मिला   l   इस  पत्थर  पर  लिखा  हुआ  था  --- मित्र  !  तू   अपने  से  पूछ  ,  क्या  तू  मनुष्य  है   ?  क्योंकि  धन  के  लिए   कब्र  में  सोये  हुए    मुरदों   को  परेशान    करने  वाला   मनुष्य   हो  ही  नहीं  सकता  l  "
वह  सम्राट   जब  निराश  होकर  कब्र  के  पास  से  वापस  लौट  रहा  था   तो  उस  कब्र  के  पास  रहने  वाले   बूढ़े  भिखमंगे   को  लोगों  ने  खूब  जोर  से  हँसते  देखा  l   वह  हँसते  हुए  कह  रहा  था  --- "  मैं  कितने  सालों  से  इंतजार  कर  रहा  था  ,  आख़िरकार  आज  धरती  के   दरिद्रतम  और  सबसे  ज्यादा  असहाय   व्यक्ति  का  दर्शन   हो  ही  गया  l  "

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