एक महारानी ने अपनी मौत के बाद अपनी कब्र के पत्थर पर निम्न पंक्तियाँ लिखने का हुक्म दिया था ---- " इस कब्र में अपार धनराशि गड़ी हुई है l जो व्यक्ति निहायत गरीब एवं एकदम असहाय हो , वह इसे खोदकर ले सकता है l "
उस कब्र के पास से हजारों दरिद्र एवं भिखमंगे निकले , लेकिन उनमें से कोई भी इतना दरिद्र और असहाय नहीं था , जो धन के लिए मरे हुए व्यक्ति की कब्र खोदे l एक अत्यंत बूढ़ा भिखमंगा तो वहां सालों - साल से रह रहा था l वह हमेशा उधर से गुजरने वाले प्रत्येक दरिद्र व्यक्ति को कब्र की ओर इशारा कर देता था l
आखिर में वह व्यक्ति आ ही गया , जिसकी दरिद्रता इतनी ज्यादा थी कि उसने कब्र को खोद ही डाला l वह व्यक्ति स्वयं एक सम्राट था और उसने उस कब्र वाले देश को बस अभी - अभी जीता था l उसने अपनी विजय के साथ इस कब्र की खुदाई शुरू करा दी , पर उसे उस कब्र में एक पत्थर के सिवाय और कुछ नहीं मिला l इस पत्थर पर लिखा हुआ था --- मित्र ! तू अपने से पूछ , क्या तू मनुष्य है ? क्योंकि धन के लिए कब्र में सोये हुए मुरदों को परेशान करने वाला मनुष्य हो ही नहीं सकता l "
वह सम्राट जब निराश होकर कब्र के पास से वापस लौट रहा था तो उस कब्र के पास रहने वाले बूढ़े भिखमंगे को लोगों ने खूब जोर से हँसते देखा l वह हँसते हुए कह रहा था --- " मैं कितने सालों से इंतजार कर रहा था , आख़िरकार आज धरती के दरिद्रतम और सबसे ज्यादा असहाय व्यक्ति का दर्शन हो ही गया l "
उस कब्र के पास से हजारों दरिद्र एवं भिखमंगे निकले , लेकिन उनमें से कोई भी इतना दरिद्र और असहाय नहीं था , जो धन के लिए मरे हुए व्यक्ति की कब्र खोदे l एक अत्यंत बूढ़ा भिखमंगा तो वहां सालों - साल से रह रहा था l वह हमेशा उधर से गुजरने वाले प्रत्येक दरिद्र व्यक्ति को कब्र की ओर इशारा कर देता था l
आखिर में वह व्यक्ति आ ही गया , जिसकी दरिद्रता इतनी ज्यादा थी कि उसने कब्र को खोद ही डाला l वह व्यक्ति स्वयं एक सम्राट था और उसने उस कब्र वाले देश को बस अभी - अभी जीता था l उसने अपनी विजय के साथ इस कब्र की खुदाई शुरू करा दी , पर उसे उस कब्र में एक पत्थर के सिवाय और कुछ नहीं मिला l इस पत्थर पर लिखा हुआ था --- मित्र ! तू अपने से पूछ , क्या तू मनुष्य है ? क्योंकि धन के लिए कब्र में सोये हुए मुरदों को परेशान करने वाला मनुष्य हो ही नहीं सकता l "
वह सम्राट जब निराश होकर कब्र के पास से वापस लौट रहा था तो उस कब्र के पास रहने वाले बूढ़े भिखमंगे को लोगों ने खूब जोर से हँसते देखा l वह हँसते हुए कह रहा था --- " मैं कितने सालों से इंतजार कर रहा था , आख़िरकार आज धरती के दरिद्रतम और सबसे ज्यादा असहाय व्यक्ति का दर्शन हो ही गया l "
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