18 May 2020

WISDOM ---- संवेदनशीलता और सहकारिता के अभाव के कारण ही शोषण संभव हुआ है

  शोषण  में  मानवीय  मूल्यों  का   कोई  स्थान  नहीं  है   l  शोषण  के  साथ  क्रूरता  का  भाव  है  l   इसके  लिए  इनसान   तो  बस ,  एक  उपभोग  की  वस्तु   है  l   शोषण  की  मानसिकता  यह  है   कि   दूसरे  की    कमजोरियों    का  लाभ  लेकर   उसे  सदा   नियंत्रण  में  रखो   और  अपना   हित   साधने  के  लिए  उसका   उपयोग  करो  l   जब  तक  वह  उपयोगी  है  ,  तब  तक  उसका  उपयोग  किया  जाये    और  अनुपयोगी  होने  पर    उसे  दूध  की  मक्खी  की  तरह  निकाल  कर  फेंक  दिया  जाये   l   इसलिए  शोषण  एक  प्रकार  की  विकृति  है  l   यह  विनाश  का  प्रतीक   है  l 
  अब   शोषण  भी   छोटे  क्षेत्र  में  सीमित    नहीं  रहा   इसका  स्वरुप  भी  ग्लोबल  हो  गया  है  l  

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