17 May 2020

WISDOM ------

  रूप , धन , पद , ज्ञान  , सत्ता , शक्ति  आदि  अनेक  ऐसे  कारण  हैं  जो  व्यक्ति  को  अहंकारी  बना  देते  हैं  l   लेकिन  इन  सबसे  ऊपर  एक  और  बड़ा  कारण  है   जो  समाज  में  तनाव  और  अशांति  उत्पन्न  करता  है  l   वह  है  ---   कुछ  लोगों    का  स्वयं  को  जन्म  से  श्रेष्ठ  समझने  का  भ्रम  l
मानवीय  कमजोरियाँ   सब  जगह  एक  सी  होती  हैं  l   हर  देश  , हर  समाज  में   ऐसे  लोग  हैं  जो  स्वयं  को  दूसरों  से  श्रेष्ठ  समझते  हैं   और  इस  अहंकार  की  वजह  से  वह    दूसरे  वर्ग  पर  अपना  आधिपत्य  चाहते  हैं   l   केवल  आधिपत्य  की  बात  हो ,  तब  भी  ठीक  है ,  लेकिन  इनके  मन  में  एक  अज्ञात  भय  होता  है  कि   जिस  वर्ग  को  हमने  अपने  से  हीन   समझा  ,  कहीं  वह   तरक्की  कर  उनसे  आगे  न  बढ़  जाये  l   इस  वजह  से  वे  उनकी  तरक्की , उनकी  खुशी ,  उनकी  चैन  की  जिंदगी  को  कभी   सहन  नहीं  करते  l   हमेशा  षड्यंत्र   या   ऐसा  कृत्य  करेंगे  ही  जिससे   दूसरा  पक्ष  उन्नति  न  कर  सके  l   जिसे  दीन - हीन   देखा  ,  उसे  अपने  बराबर  या  अपने  से  आगे  कभी  स्वीकार  ही  नहीं  कर  सकते  l
  जो   समाज - सुधारक ,  समाज  के  उपेक्षित  वर्ग   को  ऊँचा  उठाने  का  प्रयास  करते    हैं  ,  उन्हें  वे   रास्ते  से  हटाने  का  हर  संभव  प्रयास  करते  हैं  l   यह  स्थिति   हजारों  वर्षों  से  है  l 
     अब  वक्त  बदला   लेकिन  मानवीय  कमजोरियां  तो  वही  हैं  ,  अहंकारी  दूसरों  को  पीड़ित  करने  का  रास्ता  खोज  ही  लेता  है  l
 हमारे  ऋषियों  का , आचार्य   का  यही  शिक्षण  है  कि ---- हम  दूसरों  को  नहीं  सुधार  सकते  ,  स्वयं  का  सुधार  करना  ज्यादा  सरल  है   l    अपनी  शक्ति  को  पहचाने  l  आत्मविश्वासी  बनें  l   

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