पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी का कहना है ---- कठिनाइयाँ हमें बहुत कुछ बताने , सिखाने आती है l सीखने वाली मानसिकता इससे बहुत कुछ सीख जाती है , इसके संकेतों को पहचान लेती है l ' इस सम्बन्ध में श्री अरविन्द ' मानव चक्र ' में लिखते हैं ---- नेपोलियन अपने दुर्दिनों में भगवान के संकेत को पहचान नहीं सका और इसी कारण यातनापूर्ण जेल जीवन में उसकी इहलीला समाप्त हुई l आचार्य श्री लिखते हैं --- कठिनाइयों से जूझने के लिए कभी - कभी ईश्वरीय संकेत आता है l जो इस संकेत को समझ लेता है और पुरुषार्थ करता है , वही संघर्ष के दरिया को पार कर लेता है l कठिनाइयों से जूझता इनसान जब वहां से निकलता है तो बहुत मजबूत बन जाता है l
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