जब संसार पर आसुरी शक्तियों का आक्रमण होता है और दैवी प्रवृतियाँ उसके विरुद्ध संगठित नहीं होती हैं , तब संसार में इसी तरह का मृत्यु का तांडव नजर आता है l आसुरी शक्तियों का सर्वप्रथम आक्रमण मनुष्य की बुद्धि पर होता है l मनुष्य की बुद्धि , दुर्बुद्धि में बदल जाती है , फिर आसुरी तत्व उसे अपने इशारे पर चलाते हैं l
ऐसा इसलिए होता है कि व्यक्ति या एक देश अपनी योग्यता , अपने भीतर छिपे हुए खजाने को नहीं देखता , दूसरे को अपने से श्रेष्ठ समझकर उसके इशारे पर चलने लगता है l आज से लगभग सौ वर्ष पूर्व जब आधुनिक इंजेक्शन , दवाइयाँ , वैक्सीन आदि का अविष्कार नहीं हुआ था तब प्रत्येक देश की अपनी चिकित्सा पद्धति थी जैसे भारत में आयुर्वेद , यूनान की यूनानी चिकित्सा ---- आदि l उस युग में प्रत्येक देश में एक - से बढ़कर वीर और महान व्यक्ति हुए जैसे भारत में महाराणा प्रताप , इटली में गैरीबाल्डी , जर्मनी में बिस्मार्क , अमरीका में जार्ज वाशिंगटन आदि अनगिनत महान आत्मा इस धरती पर अवतरित हुईं l वे सब बिना किसी वैक्सीन के , बिना किसी दवाई के अपने ही देश की मिट्टी में पालन - पोषण पाकर महान बनी , उनके वीरता के किस्से हम आज भी पढ़ते हैं l
लेकिन जब से कृषि और चिकित्सा के क्षेत्र में घाल - मेल हुआ तब से दुनिया में वीरता और महानता का अकाल पड़ गया l कायरता और संवेदनहीनता बढ़ गई l इन दोनों क्षेत्रों में जो आधुनिक तकनीक अपनायी गई है , उसने मनुष्य के मन पर नकारात्मक असर किया है l विशेषज्ञ भी मानते हैं कि ऐसी दवाओं व वैक्सीन का प्रभाव 6 - 8 वर्ष बाद दिखाई देता है l इसलिए हम देखते हैं कि सारी सुख - सुविधाओं के बावजूद प्रतिरोधक क्षमता कम हुई है , बाल -अपराध , तनाव , आत्महत्या , पागलपन बढ़ा है l मनुष्य दिन - प्रतिदिन निर्दयी होता जा रहा है l ऐसा लगता है जैसे संवेदना , करुणा और मानवता को पोषित करने वाली नस - नाड़ियों को इस तकनीक ने सुखा दिया है l सारे संसार को जागरूक होना होगा , अन्यथा वह दिन दूर नहीं जब मनुष्य चलती - फिरती लाश बन जायेगा l
ऐसा इसलिए होता है कि व्यक्ति या एक देश अपनी योग्यता , अपने भीतर छिपे हुए खजाने को नहीं देखता , दूसरे को अपने से श्रेष्ठ समझकर उसके इशारे पर चलने लगता है l आज से लगभग सौ वर्ष पूर्व जब आधुनिक इंजेक्शन , दवाइयाँ , वैक्सीन आदि का अविष्कार नहीं हुआ था तब प्रत्येक देश की अपनी चिकित्सा पद्धति थी जैसे भारत में आयुर्वेद , यूनान की यूनानी चिकित्सा ---- आदि l उस युग में प्रत्येक देश में एक - से बढ़कर वीर और महान व्यक्ति हुए जैसे भारत में महाराणा प्रताप , इटली में गैरीबाल्डी , जर्मनी में बिस्मार्क , अमरीका में जार्ज वाशिंगटन आदि अनगिनत महान आत्मा इस धरती पर अवतरित हुईं l वे सब बिना किसी वैक्सीन के , बिना किसी दवाई के अपने ही देश की मिट्टी में पालन - पोषण पाकर महान बनी , उनके वीरता के किस्से हम आज भी पढ़ते हैं l
लेकिन जब से कृषि और चिकित्सा के क्षेत्र में घाल - मेल हुआ तब से दुनिया में वीरता और महानता का अकाल पड़ गया l कायरता और संवेदनहीनता बढ़ गई l इन दोनों क्षेत्रों में जो आधुनिक तकनीक अपनायी गई है , उसने मनुष्य के मन पर नकारात्मक असर किया है l विशेषज्ञ भी मानते हैं कि ऐसी दवाओं व वैक्सीन का प्रभाव 6 - 8 वर्ष बाद दिखाई देता है l इसलिए हम देखते हैं कि सारी सुख - सुविधाओं के बावजूद प्रतिरोधक क्षमता कम हुई है , बाल -अपराध , तनाव , आत्महत्या , पागलपन बढ़ा है l मनुष्य दिन - प्रतिदिन निर्दयी होता जा रहा है l ऐसा लगता है जैसे संवेदना , करुणा और मानवता को पोषित करने वाली नस - नाड़ियों को इस तकनीक ने सुखा दिया है l सारे संसार को जागरूक होना होगा , अन्यथा वह दिन दूर नहीं जब मनुष्य चलती - फिरती लाश बन जायेगा l
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