20 December 2021

WISDOM ------

      जार्ज  बनार्ड  शॉ   ने  लिखा  है  ---- "    जो  व्यक्ति  समाज  से  जितना  ले   यदि  उतना  ही  उसे  लौटा  दे   तो  वह  एक  मामूली  भद्र  व्यक्ति  माना  जायेगा   l   जो  समाज  से  जितना  ले  उससे  कहीं  अधिक   उसे  लौटा  दे   तो  उसे  एक   विशिष्ट  भद्र   व्यक्ति  कहा  जायेगा    और  जो  अपने  जीवनपर्यन्त   समाज  की  सेवा  में   लगा  रहे   और  प्रत्युपकार  में   समाज  से   कुछ  भी  लेने  की   इच्छा  न  रखे   वह  एक  असाधारण  भद्र  पुरुष  कहलावेगा   l     परन्तु  जो  व्यक्ति    समाज  का  सिर्फ  शोषण  ही  करता  रहे    और  समाज  को  देने  की  बात  भूल  जाये    उसे  क्या ' जेंटलमैन  '  माना  जायेगा   ?  "

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