श्रीमद्भगवद्गीता के विभूति योग में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं ---' मैं गिनती करने वालों में समय हूँ l ' पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी लिखते हैं ---- ' जीवन का अर्थ है ' समय ' l जो जीवन से प्यार करते हों , वे आलस्य में समय न गंवाएं l समय की कुछ विशेषताएं हैं -- सबसे महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि किसी को एक क्षण से ज्यादा समय कभी नहीं मिलता , कभी भी नहीं मिलता l जब एक क्षण निकल जाता है , तभी उसे दूसरा मिलता है l दूसरा निकल जाता है , तब तीसरा मिलता है l किसी के भी हाथ में एक साथ दो क्षण कभी भी नहीं होते l कोई कितना ही बड़ा धनी हो , कोई कितना बड़ा महायोगी हो , या फिर कितना ही बड़ा ज्ञानी हो , वैज्ञानिक हो , इनमे से कोई भी समय को धोखा नहीं दे सकता l भारतीय जीवन दृष्टि के हिसाब से प्रत्येक व्यक्ति के पास गिने हुए क्षण हैं l कोई भी व्यक्ति अपने गिने हुए क्षणों से ज्यादा नहीं जी सकता l भारतीय जीवन दर्शन के हिसाब से जिंदगी की सीमा पिछली जिंदगी के कर्मों से नियत होती है l हमने जो पिछले जन्मों में किया है , वह हमारी वर्तमान जिंदगी के समय को तय करता है l इस मिले हुए समय के क्षणों का हम कैसे सदुपयोग करते हैं , इसी पर हमारा भविष्य निर्भर करता है l समय की इसी महिमा ने उसे भगवान की विभूति बना दिया l '
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