लघु कथा ----- रोगी ने डॉक्टर को अपनी परेशानी बताई कि जब वह रात को पलंग पर सोता है तब ऐसा लगता है जैसे उसके नीचे कोई छिपकर बैठा है l नीचे झांककर देखता हूँ तो वह गायब हो जाता है और जब पलंग के नीचे सोता हूँ तो लगता है कि ऊपर बिस्तर पर आकार बैठ गया है l कृपया मेरी हैरानी मिटाइए अन्यथा मैं पागल हो जाऊँगा l रात भर सो नहीं पाता l डॉक्टर ने कहा मामला बहुत गंभीर है , रोग पुराना है l समय और पैसा बहुत लगेगा l रोगी के पूछने पर डॉक्टर ने कहा --- दो हजार रूपये प्रति सप्ताह और इलाज लम्बा चलेगा , दो वर्ष भी लग सकते हैं l रोगी पत्नी के पास दौड़कर आया , डॉक्टर की पूरी बात बताई l पत्नी ने मन ही मन सोचा कि वहम की दवा तो हकीम लुकमान के पास भी नहीं थी l जरुर इन्हें किसी ठग से पाला पड़ गया l पत्नी बोली यह इलाज तो बहुत महंगा पड़ेगा , अपनी इतनी हैसियत भी नहीं है किन्तु आप निश्चिन्त रहें अब आपके पलंग के ऊपर -नीचे कोई नहीं आएगा l वह गई और पलंग के चारों पाए कटवा दिए l अब न कोई नीचे बैठा दिखाई देता न ऊपर l रोगी को वापस न आता देख डॉक्टर का फोन आया कि आप आये नहीं l रोगी ने कहा --- डॉक्टर ! घर में ही इलाज हो गया l कम समय में और बिना किसी खरच के l डॉक्टर बोला --- वह कैसे ? उसने कहा --- वहम के भूत की बैठक का स्थान ही नहीं छोड़ा पत्नी ने l पलंग के चारों पाए काट दिए पत्नी ने l अब मुझे अच्छी नींद आती है , चैन से हूँ l हम में से कितने ही लोग वहम के कारण ऐसे किसी चक्कर में फंस जाते हैं और जान - माल से हाथ धो बैठते हैं l
No comments:
Post a Comment