'भगवान पत्र -पुष्पों के बदले नहीं ,भावनाओं के बदले प्राप्त किये जाते हैं और वे भावनाएं आवेश ,उन्माद या कल्पना जैसी नहीं ,वरन सच्चाई की कसौटी पर खरी उतरने वाली होनी चाहिये | उनकी सच्चाई की परीक्षा मनुष्य के त्याग ,बलिदान ,संयम ,सदाचार एवं व्यवहार से होती है |
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