प्रार्थना का सबसे सुंदर रूप समर्पण योग है | हम अपने जीवन को परमात्मा के चरणों में अर्पित कर दें | उनकी इच्छा को ही अपनी इच्छा माने | भौतिक जीवन में आगे बढ़ने के लिये प्रयास-पुरुषार्थ तो करें, पर उसमे मिलने वाली सफलता-असफलता को ईश्वरीय इच्छा मान कर चलें |
जीवन में ईश्वर को भागीदार बना लेने से व्यक्ति आध्यात्मिक बन जाता है |
जीवन में ईश्वर को भागीदार बना लेने से व्यक्ति आध्यात्मिक बन जाता है |
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