' जो मनुष्य ज्ञान पाकर उसका प्रकाश दूसरों को देने का विचार बना लेता है , उसका ज्ञान न केवल स्थायी हो जाता है , अपितु दिनोंदिन बढ़ने भी लगता है , जिससे एक दिन उसका जीवन देव - तुल्य बनकर धन्य हो जाता है | '
रूस के निरंकुश तथा अत्याचारी शासन की बन्दूक का मुकाबला उन्होंने लेखनी के सहारे
विचार - क्रांति का आह्वान करके करना शुरू किया । उन्होंने निराश जनता का मार्ग - प्रदर्शन करते हुए ' क्या करें ' ? ' नामक एक ऐसी पुस्तक लिखी जिसने जार के निरंकुश शासन के विरुद्ध एक क्रांति उपस्थित कर दी । यद्दपि रूस की सशस्त्र क्रांति उनके जीवन काल में नहीं हो सकी थी फिर भी अपने जीवन काल में उन्होंने जो विचार बीज बोये थे , वे ही कुछ समय आगे चलकर जार के विरुद्ध सशस्त्र क्रांति में अंकुरित हुए और जिसका फल स्वतंत्रता के रूप में रुसी जनता को मिला l
रूस के निरंकुश तथा अत्याचारी शासन की बन्दूक का मुकाबला उन्होंने लेखनी के सहारे
विचार - क्रांति का आह्वान करके करना शुरू किया । उन्होंने निराश जनता का मार्ग - प्रदर्शन करते हुए ' क्या करें ' ? ' नामक एक ऐसी पुस्तक लिखी जिसने जार के निरंकुश शासन के विरुद्ध एक क्रांति उपस्थित कर दी । यद्दपि रूस की सशस्त्र क्रांति उनके जीवन काल में नहीं हो सकी थी फिर भी अपने जीवन काल में उन्होंने जो विचार बीज बोये थे , वे ही कुछ समय आगे चलकर जार के विरुद्ध सशस्त्र क्रांति में अंकुरित हुए और जिसका फल स्वतंत्रता के रूप में रुसी जनता को मिला l
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