जो जातियां जब भी विकसित हुई हैं एकता के बल पर हुई हैं । साधन संपन्न जातियां एकता के अभाव में नष्ट हुई हैं और स्वल्प साधन वालों ने भी अपने संगठन के बल पर बड़े पराक्रम किये हैं लगभग एक हजार वर्ष पूर्व जब विदेशियों ने देश पर आक्रमण किया तब ऐसे लोगों का बाहुल्य था जिन्होंने व्यक्तिगत लाभ के लिए आक्रमणकारियों को भरपूर सहायता दी , व्यक्तिगत लाभ उनके लिए देश , धर्म , सम्मान और स्वाधीनता सबसे बढ़कर था ।
हमारा पराधीनता का इतिहास हमारी अशक्ति या आक्रमणकारियों की शक्ति का इतिहास नहीं है वरन हमारी आपसी फूट और स्वार्थ की करुण कहानी है ।
जहाँगीर की बेटी का सर टामस रो ने इलाज किया । लड़की अच्छी हो गई । जहाँगीर ने डाक्टर से कहा ---- मुंह माँगा इनाम मांग लो । '
डाक्टर चाहता तो अपने लिए कोई बड़ी सी जागीर , ओहदा , लाख करोड़ की सम्पति मांग सकता था , पर उसने ऐसा नहीं किया । उसने जहाँगीर से माँगा कि-----" मेरे देश से आने वाले माल पर आपके राज्य में चुंगी न ली जाये । " उसे मुंह मांगी मुराद मिल गई ।
सर टामस रो को व्यक्तिगत रूप से कुछ नहीं मिला , पर उसका देश इंग्लैण्ड मालामाल हो गया ।
जिस देश के नागरिकों में सर टामस रो जैसी देश भक्ति हो , उसी देश को , उसी जाति को उन्नति का गौरव प्राप्त होता है । अंग्रेजों के इसी गुण ने उन्हें थोड़े से दिनों में ही विशाल साम्राज्य का स्वामी बना दिया और इसी गुण को खो देने के कारण भारत को दीनता , दासता एवं बर्बरता की यातनाएं सहनी पड़ीं ।
हमारा पराधीनता का इतिहास हमारी अशक्ति या आक्रमणकारियों की शक्ति का इतिहास नहीं है वरन हमारी आपसी फूट और स्वार्थ की करुण कहानी है ।
जहाँगीर की बेटी का सर टामस रो ने इलाज किया । लड़की अच्छी हो गई । जहाँगीर ने डाक्टर से कहा ---- मुंह माँगा इनाम मांग लो । '
डाक्टर चाहता तो अपने लिए कोई बड़ी सी जागीर , ओहदा , लाख करोड़ की सम्पति मांग सकता था , पर उसने ऐसा नहीं किया । उसने जहाँगीर से माँगा कि-----" मेरे देश से आने वाले माल पर आपके राज्य में चुंगी न ली जाये । " उसे मुंह मांगी मुराद मिल गई ।
सर टामस रो को व्यक्तिगत रूप से कुछ नहीं मिला , पर उसका देश इंग्लैण्ड मालामाल हो गया ।
जिस देश के नागरिकों में सर टामस रो जैसी देश भक्ति हो , उसी देश को , उसी जाति को उन्नति का गौरव प्राप्त होता है । अंग्रेजों के इसी गुण ने उन्हें थोड़े से दिनों में ही विशाल साम्राज्य का स्वामी बना दिया और इसी गुण को खो देने के कारण भारत को दीनता , दासता एवं बर्बरता की यातनाएं सहनी पड़ीं ।
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