' मनुष्य का मनुष्य के प्रति दुर्व्यवहार आज की नहीं सदा की पैशाचिक वृति रही रही है । शक्तिशाली और समर्थ लोगों में आसुरी तत्व घुसकर उन्हें मानवता के पद से कितना नीचा गिरा देते हैं ! '
डॉ. अम्बेडकर अर्थशास्त्र के प्रतिष्ठित विद्वान थे , इंग्लैंड से उच्च शिक्षा प्राप्त करके --- बैरिस्टर की डिग्री लेकर आये थे , उनके मुकाबले का विधि वेत्ता भारत में न उस समय था न आज है किन्तु अछूत कहे जाने वाले परिवार में जन्म लेने के कारण उन्हें पग - पग पर अपमान , तिरस्कार , शारीरिक और मानसिक यंत्रणा सहन करनी पड़ी । बम्बई हाई कोर्ट में उन्होंने प्रैक्टिस की , कचहरी के भाट ने उन्हें पानी पिलाने से इनकार कर दिया । जब वे बड़ौदा सिविल सर्विस के उच्च पदाधिकारी थे तो उनके अधीन काम करने वाला एक चपरासी उनके द्वारा छुई गई फाइलों को चिमटे से पकड़कर रखा करता था । बम्बई में उन्हें किसी ने किराये का मकान नहीं दिया ।
अब उनकी सहन शक्ति की सीमा का उल्लंघन हो चुका था । अब उन्होंने इन मिथ्याभिमानियों के साथ संघर्ष करने की नीति अपनायी और दलित वर्ग को अपने अधिकारों के लिए संगठित होकर संघर्ष करने के लिए जागरूक किया । उन्होंने स्थान - स्थान पर सार्वजनिक स्थलों के समान उपयोग के लिए आन्दोलन किये |
डॉ. अम्बेडकर अर्थशास्त्र के प्रतिष्ठित विद्वान थे , इंग्लैंड से उच्च शिक्षा प्राप्त करके --- बैरिस्टर की डिग्री लेकर आये थे , उनके मुकाबले का विधि वेत्ता भारत में न उस समय था न आज है किन्तु अछूत कहे जाने वाले परिवार में जन्म लेने के कारण उन्हें पग - पग पर अपमान , तिरस्कार , शारीरिक और मानसिक यंत्रणा सहन करनी पड़ी । बम्बई हाई कोर्ट में उन्होंने प्रैक्टिस की , कचहरी के भाट ने उन्हें पानी पिलाने से इनकार कर दिया । जब वे बड़ौदा सिविल सर्विस के उच्च पदाधिकारी थे तो उनके अधीन काम करने वाला एक चपरासी उनके द्वारा छुई गई फाइलों को चिमटे से पकड़कर रखा करता था । बम्बई में उन्हें किसी ने किराये का मकान नहीं दिया ।
अब उनकी सहन शक्ति की सीमा का उल्लंघन हो चुका था । अब उन्होंने इन मिथ्याभिमानियों के साथ संघर्ष करने की नीति अपनायी और दलित वर्ग को अपने अधिकारों के लिए संगठित होकर संघर्ष करने के लिए जागरूक किया । उन्होंने स्थान - स्थान पर सार्वजनिक स्थलों के समान उपयोग के लिए आन्दोलन किये |
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