' संसार में हर वस्तु में अच्छे और बुरे दो पहलू हैं , जो अच्छा पहलू देखते है, वे अच्छाई का संग्रह करते हैं और जिन्हें केवल बुरा पहलू देखना आता है , वह बुराई का संग्रह करते हैं । '
सुकरात ने अपने ज्ञान बल पर अपने युग की विचारधारा ही बदल दी । सुकरात की पत्नी जेथिप्पी आवश्यकता से अधिक लड़ाका स्वभाव की थी । एक दिन न जाने किस बात पर उसके मिजाज का पारा बहुत गर्म हो गया और वह बड़ी देर तक बकती - झकती रही । सुकरात उसके इस स्वभाव के अभ्यस्त हो गये थे , कुछ बोले नहीं और अपने काम में लगे रहे । अपनी बातों का कोई प्रभाव न होता देख वह और भी नाराज हो गई और एक बर्तन में मैला पानी लाकर सुकरात पर डाल दिया । उनके सारे कपड़े भीग गये किन्तु फिर भी वे मुस्कराते रहे और उन्होंने कहा --- " मैं तो पहले ही जानता था कि जेथिप्पी इतना गरजने के बाद बिना बरसे न रहेगी । "
एक दूसरे अवसर पर जेथिप्पी उनसे बाजार में ही लड़ने लगी , उनका कोट खींचकर फाड़ दिया । यह बात उनके कई मित्रों को बहुत बुरी लगी और उन्होंने सलाह दी कि इसे खूब पीटना चाहिए । पर सुकरात ने कहा --- " किसी रईस की योग्यता इसी में देखी जाती है कि वह दुष्ट घोड़े को भी सधा और सिखा कर काम ले सके l अगर वह दुष्ट घोड़े को उपयोग लायक बना सकता है तो अन्य सामान्य घोड़ों को काबू में रखने में उसे कुछ भी कठिनाई नहीं होगी । इसी प्रकार मैं भी जेथिप्पी जैसी चिड़चिड़ा स्वभाव की स्त्री के साथ रहता हूँ । अगर मैं उसके साथ निर्वाह कर लेता हूँ तो मुझे संसार के अन्य लोगों के साथ व्यवहार करने में कोई कठिनाई नहीं होगी ।
सुकरात ने अपने ज्ञान बल पर अपने युग की विचारधारा ही बदल दी । सुकरात की पत्नी जेथिप्पी आवश्यकता से अधिक लड़ाका स्वभाव की थी । एक दिन न जाने किस बात पर उसके मिजाज का पारा बहुत गर्म हो गया और वह बड़ी देर तक बकती - झकती रही । सुकरात उसके इस स्वभाव के अभ्यस्त हो गये थे , कुछ बोले नहीं और अपने काम में लगे रहे । अपनी बातों का कोई प्रभाव न होता देख वह और भी नाराज हो गई और एक बर्तन में मैला पानी लाकर सुकरात पर डाल दिया । उनके सारे कपड़े भीग गये किन्तु फिर भी वे मुस्कराते रहे और उन्होंने कहा --- " मैं तो पहले ही जानता था कि जेथिप्पी इतना गरजने के बाद बिना बरसे न रहेगी । "
एक दूसरे अवसर पर जेथिप्पी उनसे बाजार में ही लड़ने लगी , उनका कोट खींचकर फाड़ दिया । यह बात उनके कई मित्रों को बहुत बुरी लगी और उन्होंने सलाह दी कि इसे खूब पीटना चाहिए । पर सुकरात ने कहा --- " किसी रईस की योग्यता इसी में देखी जाती है कि वह दुष्ट घोड़े को भी सधा और सिखा कर काम ले सके l अगर वह दुष्ट घोड़े को उपयोग लायक बना सकता है तो अन्य सामान्य घोड़ों को काबू में रखने में उसे कुछ भी कठिनाई नहीं होगी । इसी प्रकार मैं भी जेथिप्पी जैसी चिड़चिड़ा स्वभाव की स्त्री के साथ रहता हूँ । अगर मैं उसके साथ निर्वाह कर लेता हूँ तो मुझे संसार के अन्य लोगों के साथ व्यवहार करने में कोई कठिनाई नहीं होगी ।
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