जब श्री राय इंग्लैंड में अध्ययन कर रहे थे | उस समय एडिनबरा यूनीवर्सिटी के प्रमुख ने एक निबंध लिखने के लिए पुरस्कार की घोषणा की जिसका विषय था ---- ' गदर के पूर्व और पश्चात् का भारत ' | प्रफुल्ल बाबू ने इस निबंध के लिए दुर्लभ ऐतिहासिक ग्रंथों का अध्ययन किया । यह निबंध परीक्षकों की द्रष्टि बहुत ऊँचे दर्जे का और प्रशंसनीय सिद्ध हुआ , पर क्योंकि यह भारतीय राष्ट्रीय भावना को लेकर लिखा गया था और इसमें अंग्रेज सरकार पर कुछ कठोर आक्षेप किये गये थे इसलिए इसे पुरस्कार नहीं दिया गया किन्तु इससे वे हतोत्साहित नहीं हुए और इसको इंग्लैंड में ही पुस्तक के रूप में प्रकाशित करा दिया ।
अनेक विद्वानों ने इसकी बड़ी प्रशंसा की । ' स्काट्समैन ' नामक प्रसिद्ध समाचार पत्र ने लिखा --- " यह एक बड़ी आकर्षक छोटी सी पुस्तिका है । इसमें भारत के संबंध में ऐसी जानकारी समाविष्ट की गई है , जो अन्यत्र कहीं नहीं मिल सकती । इस पर अधिक से अधिक ध्यान देना आवश्यक
है l "
इस घटना के बाद उन्होंने अपना ध्यान रसायन शास्त्र की पढ़ाई में लगा दिया ।
अनेक विद्वानों ने इसकी बड़ी प्रशंसा की । ' स्काट्समैन ' नामक प्रसिद्ध समाचार पत्र ने लिखा --- " यह एक बड़ी आकर्षक छोटी सी पुस्तिका है । इसमें भारत के संबंध में ऐसी जानकारी समाविष्ट की गई है , जो अन्यत्र कहीं नहीं मिल सकती । इस पर अधिक से अधिक ध्यान देना आवश्यक
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इस घटना के बाद उन्होंने अपना ध्यान रसायन शास्त्र की पढ़ाई में लगा दिया ।
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