अध्यात्म्वेत्ताओं के अनुसार ---- ' संकीर्ण स्वार्थ , वासना और अहं से युक्त अनैतिक जीवन भय का प्रमुख कारण है । भय का सबसे घ्रणित पहलू अपने स्वार्थ के लिए , दूसरों पर छाये रहने की भावना से अधीनस्थ लोगों का शोषण करना है ।
' त्याग का मार्ग ही निर्भयता की अवस्था की और ले जाता है । '
' त्याग का मार्ग ही निर्भयता की अवस्था की और ले जाता है । '
No comments:
Post a Comment