संसार की लगभग सभी भाषाओँ में ईसप की कहानियां पाई जाती हैं और उनका उपयोग बच्चों को शिक्षा देने में किया जाता है । ईसप कुरूप और दुबला - पतला गुलाम था , इसलिए कोई स्वामी उसे ज्यादा दिन अपने पास नहीं रखता था । ईसप ने इस शीघ्र तब्दीली का लाभ अनुभव के रूप में उठाया और उन्ही अनुभवों को उसने कहानी के रूप में बदल दिया । अनुभवजन्य होने के कारण ईसप की कहानियां बहुत शिक्षाप्रद होती थीं ।
ईसप ने सैकड़ों कहानियां गढ़ीं , बच्चों को सुनाई जो बच्चों द्वारा बड़ों के पास और बड़ों के मुख से समाज में पहुंचकर पूरे यूनान में और अपनी विशेषताओं के कारण सारे संसार में फैल गईं , जिन्होंने ईसप को बड़ा ही लोकप्रिय बना दिया ।
ईसप ने अपनी कहानियों से नीति की शिक्षा दी ----------------- ' पिता के मरने के बाद उसके पुत्र को खेती का सारा कारोबार सम्हालना पड़ा । लड़के ने देखा अंगूर के हरे भरे खेतों के किनारे नागफनी के कटीले पौधे लगे हैं । लड़के को यह उचित मालूम न हुआ कि अंगूरों के साथ कटीले पौधे भी न्रहें , उसने तुरंत सब नागफनी उखड़वाकर फेंक दी । दूसरे दिन से ही जंगली पशु बेधड़क उस खेत में आने लगे और एक पखवाडा भी न होने पाया कि सारा खेत उजाड़ कर दिया ।
तब लड़के की समझ में आया कि अंगूरों की हिफाजत के लिए नागफनी की भी जरुरत है ।
' दण्ड की व्यवस्था हुए बिना दुष्टों से रक्षा नहीं हो सकती । '
ईसप ने सैकड़ों कहानियां गढ़ीं , बच्चों को सुनाई जो बच्चों द्वारा बड़ों के पास और बड़ों के मुख से समाज में पहुंचकर पूरे यूनान में और अपनी विशेषताओं के कारण सारे संसार में फैल गईं , जिन्होंने ईसप को बड़ा ही लोकप्रिय बना दिया ।
ईसप ने अपनी कहानियों से नीति की शिक्षा दी ----------------- ' पिता के मरने के बाद उसके पुत्र को खेती का सारा कारोबार सम्हालना पड़ा । लड़के ने देखा अंगूर के हरे भरे खेतों के किनारे नागफनी के कटीले पौधे लगे हैं । लड़के को यह उचित मालूम न हुआ कि अंगूरों के साथ कटीले पौधे भी न्रहें , उसने तुरंत सब नागफनी उखड़वाकर फेंक दी । दूसरे दिन से ही जंगली पशु बेधड़क उस खेत में आने लगे और एक पखवाडा भी न होने पाया कि सारा खेत उजाड़ कर दिया ।
तब लड़के की समझ में आया कि अंगूरों की हिफाजत के लिए नागफनी की भी जरुरत है ।
' दण्ड की व्यवस्था हुए बिना दुष्टों से रक्षा नहीं हो सकती । '
No comments:
Post a Comment