रावण का मरा हुआ शरीर पड़ा था l उसमे सौ स्थानों पर छिद्र थे l सभी से लहु बह रहा था l लक्ष्मणजी ने राम से पूछा ----- ' आपने तो एक ही बाण मारा था , फिर इतने छिद्र कैसे हुए ? '
भगवान ने कहा ---- ' मेरे बाण से तो एक ही छिद्र हुआ l पर इसके अपने कुकर्म घाव बनकर अपने आप फूट रहे हैं और अपना रक्त स्वयं बहा रहे हैं l
भगवान ने कहा ---- ' मेरे बाण से तो एक ही छिद्र हुआ l पर इसके अपने कुकर्म घाव बनकर अपने आप फूट रहे हैं और अपना रक्त स्वयं बहा रहे हैं l
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