' बलवान और शक्तिशाली व्यक्ति यदि संस्कारवान भी होगा तो अनीति और अन्याय की घटनाएँ सुनकर उसका खून खौल ही उठेगा l '
पंख कटे जटायु को गोद में लेकर भगवान राम ने उसका अभिषेक आँसुओं से किया l स्नेह से उसके सिर पर हाथ फेरते हुए भगवान राम ने कहा ---- " तात ! तुम जानते थे रावण महा बलवान है , फिर उससे तुमने युद्ध क्यों किया ? "
अपनी आँखों से मोती ढुलकाते हुए जटायु ने गर्वोन्नत वाणी में कहा ---- " प्रभु ! मुझे मृत्यु का भय नहीं है , भय तो तब था जब अन्याय के प्रतिकार की शक्ति नहीं जागती ? "
भगवान राम ने कहा ----- " तात ! तुम धन्य हो l तुम्हारी जैसी संस्कारवान आत्माओं से संसार को कल्याण का मार्गदर्शन मिलेगा l "
पंख कटे जटायु को गोद में लेकर भगवान राम ने उसका अभिषेक आँसुओं से किया l स्नेह से उसके सिर पर हाथ फेरते हुए भगवान राम ने कहा ---- " तात ! तुम जानते थे रावण महा बलवान है , फिर उससे तुमने युद्ध क्यों किया ? "
अपनी आँखों से मोती ढुलकाते हुए जटायु ने गर्वोन्नत वाणी में कहा ---- " प्रभु ! मुझे मृत्यु का भय नहीं है , भय तो तब था जब अन्याय के प्रतिकार की शक्ति नहीं जागती ? "
भगवान राम ने कहा ----- " तात ! तुम धन्य हो l तुम्हारी जैसी संस्कारवान आत्माओं से संसार को कल्याण का मार्गदर्शन मिलेगा l "
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