यदि कोई अपने जीवन में कुछ करने की ठान ले , तो उम्र उसके कार्य में बाधा नहीं बनती और शरीर की उर्जा उसके कार्य में रूकावट नहीं डालती क्योंकि उसका निश्चय मन से होता है , मन की शक्ति से होता है l इसलिए हर रूकावट को , हर मुश्किल व परेशानी को उसके आगे झुकने के लिए मजबूर होना पड़ता है l इसी मन की शक्ति के कारण लियोनार्डो दि विन्ची ने अपनी प्रसिद्ध पेंटिंग ' मोनालिसा ' 51 साल की उम्र में बनाई और यह उनके जीवन में सबसे अधिक प्रशंसित हुई l
इसी प्रकार प्रखर व्यक्तित्व नेल्सन मंडेला अपने जीवन में लम्बा संघर्ष करते रहे और 75 साल की उम्र के बाद दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति बने l
इसी प्रकार भारतीय संस्कृति के प्रसिद्ध संवाहक गोस्वामी तुलसीदास जी ने भी 90 वर्ष की उम में रामचरितमानस को लिखना प्रारंभ कर दिया था l
जिन्दगी को बेहतर बनाने की संभावना सदैव होती है , बस , हमें इस और बढ़ने की जरुरत है l
इसी प्रकार प्रखर व्यक्तित्व नेल्सन मंडेला अपने जीवन में लम्बा संघर्ष करते रहे और 75 साल की उम्र के बाद दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति बने l
इसी प्रकार भारतीय संस्कृति के प्रसिद्ध संवाहक गोस्वामी तुलसीदास जी ने भी 90 वर्ष की उम में रामचरितमानस को लिखना प्रारंभ कर दिया था l
जिन्दगी को बेहतर बनाने की संभावना सदैव होती है , बस , हमें इस और बढ़ने की जरुरत है l
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