आज ज्ञान - विज्ञान में अग्रणी रूस की प्रमुख शक्ति वहां के प्रत्येक नागरिक का शिक्षित होना है l 1920 से पूर्व रूस में निरक्षरता की स्थिति भयावह थी , किन्तु राज्य सत्ता का हस्तांतरण होते ही निरक्षरता को मिटाने के लिए अथक प्रयत्न किये गए l देश के कोने - कोने में निरक्षरता उन्मूलन केंद्र खोले गए l हर शिक्षित व्यक्ति ने प्रत्येक अनपढ़ को पढ़ाने - लिखाने का संकल्प लिया l उस वक्त वहां के 70 प्रतिशत पुरुष और 90 प्रतिशत महिलाएं अशिक्षित थीं l 71 जन जातियों में से 40 जातियां ऐसी थीं जिनकी कोई भाषा नहीं थी , उन्हें शिक्षित करना बहुत बड़ी जिम्मेदारी थी l इन लोगों के लिए भाषा का निर्माण हुआ , जगह - जगह स्कूल खोले गए l करोड़ों की संख्या में प्रौढ़ अशिक्षितों को पढ़ाने के लिए स्वयं सेवी शिक्षकों को भावनात्मक स्तर पर तैयार किया गया l प्रत्येक साक्षर एक निरक्षर को पढ़ाये ----- यह रुसी साक्षरता अभियान का प्रमुख नारा था , जिसे पूर्ण करना प्रत्येक नागरिक का राष्ट्रीय दायित्व था l इसके परिणाम स्वरुप 192 0 से 1940 के मध्य पांच करोड़ अनपढ़ों को साक्षर बना दिया l 1970 तक 99.8 प्रतिशत पुरुष और 99 .7 प्रतिशत महिलाएं शिक्षित हो गईं l
लेनिन का नारा था ---- पढ़ो ! पढ़ो ! पढ़ो ! इसे वहां के नागरिकों ने सत्य करके दिखाया l
लेनिन का नारा था ---- पढ़ो ! पढ़ो ! पढ़ो ! इसे वहां के नागरिकों ने सत्य करके दिखाया l
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