9 January 2018

WISDOM

 ' जो  कार्य  आंतरिक  भावना  से  और  स्वार्थ  को  त्याग  कर  किया  जायेगा  ,  वह  निश्चय  ही  श्रेष्ठता  और  वर्चस्व  प्रदान  करने  वाला  होगा   l  प्रत्यक्ष  सफलता  तो  बहुत  छोटी  चीज  है   l  महान  कार्यों  का  फल  प्राय:  देर  से  ही  प्रकट  हुआ  करता  है  l  इसलिए  किसी  भी  सेवाकार्य  में  हम  को   हानि - लाभ  का  विचार  सर्वथा  त्याग  कर   शुद्ध  भाव  से  कर्तव्य  पालन  का  ध्यान  रखना  ही  उचित  है  l  

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