संसार में विभिन्न घटनाएँ घटती रहती हैं ' लेकिन कुछ दिल दहला देने वाली घटनाएँ ऐसी होती हैं जिन पर प्रकृति माँ भी रोती हैं l इस धरती पर विभिन्न जाति, धर्म अलग - अलग हैं l हर धर्म में श्रेष्ठ और महान आत्माएं इस धरती पर अवतरित हुईं l निर्दोष और मासूम की चीत्कारों से आज वे आत्माएं भी तड़प रही हैं l यह अत्याचार और अनाचार चाहे बाह्य युद्धों से हो या मनुष्य के भीतर चलने वाले आंतरिक युद्धों से हो l बाह्य युद्ध को तो एक बार आपसी सुलह और सहअस्तित्व के भाव से रोका भी जा सकता है लेकिन मनुष्य के भीतर जो ईर्ष्या - द्वेष , बदला , लोभ - लालच , कामना - वासना की आग धधक रही है उसे कैसे रोका जाये ?
प्रकृति हमें अपने ढंग से समझा रही है --- लाइलाज बीमारियाँ , कभी न मिटने वाला तनाव , पर्यावरण प्रदूषण, सब कुछ होते हुए भी जीवन में खोखलापन , प्राकृतिक आपदाएं --- यह सब मनुष्य की कायरता , निर्दोष और मासूमों की चीत्कारों का ही परिणाम है l
अहंकार में डूबा मनुष्य अब भी नहीं सुधर रहा , अपने स्वार्थ के लिए आज मनुष्य कितना नीचे गिर सकता है , इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती l अपने पाप और अपराध को छुपाने के लिए धर्म को भी कवच बना लिया है l
निर्दोष और मासूम आत्माएं उस अनन्त आकाश से हमें सन्देश दे रहीं हैं -- कब तक सोते रहोगे , अब तो जागो , केवल दुःख व्यक्त करने से कुछ नहीं होगा , जागो ! कोई और मासूम , माँ की गोद से बिछड़े लाल की चीत्कारें तुम्हारी श्रद्धा और विश्वास में अनसुनी न रह जाएँ l पत्थरों का कोई धर्म नहीं होता l पवित्रता ह्रदय में होती है , पत्थरों में नहीं l
प्रकृति हमें अपने ढंग से समझा रही है --- लाइलाज बीमारियाँ , कभी न मिटने वाला तनाव , पर्यावरण प्रदूषण, सब कुछ होते हुए भी जीवन में खोखलापन , प्राकृतिक आपदाएं --- यह सब मनुष्य की कायरता , निर्दोष और मासूमों की चीत्कारों का ही परिणाम है l
अहंकार में डूबा मनुष्य अब भी नहीं सुधर रहा , अपने स्वार्थ के लिए आज मनुष्य कितना नीचे गिर सकता है , इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती l अपने पाप और अपराध को छुपाने के लिए धर्म को भी कवच बना लिया है l
निर्दोष और मासूम आत्माएं उस अनन्त आकाश से हमें सन्देश दे रहीं हैं -- कब तक सोते रहोगे , अब तो जागो , केवल दुःख व्यक्त करने से कुछ नहीं होगा , जागो ! कोई और मासूम , माँ की गोद से बिछड़े लाल की चीत्कारें तुम्हारी श्रद्धा और विश्वास में अनसुनी न रह जाएँ l पत्थरों का कोई धर्म नहीं होता l पवित्रता ह्रदय में होती है , पत्थरों में नहीं l
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