ब्रिटेन की धरती पर जन्म लेकर भी वे किसी एक देश के होकर न रहे l समग्र मानवता की पीड़ा को हरना उनका उद्देश्य था l जब प्रथम महायुद्ध छिड़ा तो उन्हें बहुत दुःख हुआ , सोचने लगे कि कितने ही नवयुवक जो देश की रचनात्मक गतिविधियों में सक्रिय सहयोग दे सकते हैं , युद्ध की भेंट चढ़ जायेंगे l 1915 में उन्होंने एक पुस्तक प्रकाशित कराई -- ' व्हाई मैन फाइट ' l इसका समाज पर प्रभाव पड़ा , प्रत्येक युवक के हाथ में यह पुस्तक दिखाई पड़ने लगी l जो शान्ति में विश्वास करते थे उन्होंने सेना में भर्ती होने से इनकार कर दिया l अनिवार्य भर्ती कानून का विरोध होने लगा और लार्ड रसेल को भी बंदी बना लिया गया l E
1945 में हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु हमले ने उनकी आत्मा को झकझोर दिया , वे एक बार फिर रो पड़े l लार्ड रसेल परमाणु युद्ध के विरुद्ध जनमत जाग्रत करना चाहते थे , वे हर मानव को युद्ध की पीड़ा से परिचित कराना चाहते थे l वे अंत तक मानव को प्रेम का सन्देश देते रहे l
भेदभाव की जो रेखाएं जमीन पर कहीं भी अंकित दिखाई नहीं देती हैं उन्हें वह व्यक्ति के मन से भी मिटाना चाहते थे
1945 में हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु हमले ने उनकी आत्मा को झकझोर दिया , वे एक बार फिर रो पड़े l लार्ड रसेल परमाणु युद्ध के विरुद्ध जनमत जाग्रत करना चाहते थे , वे हर मानव को युद्ध की पीड़ा से परिचित कराना चाहते थे l वे अंत तक मानव को प्रेम का सन्देश देते रहे l
भेदभाव की जो रेखाएं जमीन पर कहीं भी अंकित दिखाई नहीं देती हैं उन्हें वह व्यक्ति के मन से भी मिटाना चाहते थे
No comments:
Post a Comment