संसार में जितने भी प्रतिभाशाली महापुरुष हुए हैं , अत्यंत निर्धनता की स्थिति में रहते हुए भी वे धन का लालच , पद का प्रलोभन और उच्च वर्ग के दबाव के सामने झुके नहीं , जीवन भर उसका साहस पूर्वक सामना करते रहे और समाज सेवा के , पीड़ा निवारण के कार्यों को करते रहे l
अंग्रेज शासक चार्ल्स द्वितीय के सांसदों में मार्वल एक ऐसा प्रतिभाशाली सदस्य था जिससे निरंकुश शासक को अपनी सत्ता छीन जाने का सतत भय बना रहता था l जनता उसके विरुद्ध थी और मार्वल को अपना नेता मानती थी l राजा ने सभी प्रमुख व्यक्तियों को कामिनी - कांचन का प्रलोभन देकर अपने पक्ष में कर लिया फिर भी मार्वल को वह अपनी मुट्ठी में न ले सका l चार्ल्स के लाखों प्रयत्न भी उसे उसके पथ से डिगा न सके l उसका कोषाध्यक्ष डेनवी जब एक लाख पौंड लेकर सांसद के पास पहुंचा तो उसने यह कहते हुए वापस कर दिया कि---- " मैं यहाँ उन लोगों की सेवा करने आया हूँ जिन्होंने मुझे चुन कर भेजा है l अपनी स्वार्थ पूर्ति के लिए राजा और किसी , मंत्री को चुन ले , मैं उनमे से नहीं हूँ l "
मार्वल की सादगी और चरित्र निष्ठा आज भी लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बनी हुई है l उसकी समाधि पर अंकित ये शब्द आज भी सार्थक हैं ----- " अच्छे लोग उससे प्यार करते थे , बुरे लोग उससे डरते थे , कुछ लोग उसका अनुकरण करते थे परन्तु उसकी बराबरी करने वाला कोई न था l "
अंग्रेज शासक चार्ल्स द्वितीय के सांसदों में मार्वल एक ऐसा प्रतिभाशाली सदस्य था जिससे निरंकुश शासक को अपनी सत्ता छीन जाने का सतत भय बना रहता था l जनता उसके विरुद्ध थी और मार्वल को अपना नेता मानती थी l राजा ने सभी प्रमुख व्यक्तियों को कामिनी - कांचन का प्रलोभन देकर अपने पक्ष में कर लिया फिर भी मार्वल को वह अपनी मुट्ठी में न ले सका l चार्ल्स के लाखों प्रयत्न भी उसे उसके पथ से डिगा न सके l उसका कोषाध्यक्ष डेनवी जब एक लाख पौंड लेकर सांसद के पास पहुंचा तो उसने यह कहते हुए वापस कर दिया कि---- " मैं यहाँ उन लोगों की सेवा करने आया हूँ जिन्होंने मुझे चुन कर भेजा है l अपनी स्वार्थ पूर्ति के लिए राजा और किसी , मंत्री को चुन ले , मैं उनमे से नहीं हूँ l "
मार्वल की सादगी और चरित्र निष्ठा आज भी लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बनी हुई है l उसकी समाधि पर अंकित ये शब्द आज भी सार्थक हैं ----- " अच्छे लोग उससे प्यार करते थे , बुरे लोग उससे डरते थे , कुछ लोग उसका अनुकरण करते थे परन्तु उसकी बराबरी करने वाला कोई न था l "
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