' सारे दिन चिंता के बाद भी कुछ हाथ न लगेगा l पर जब कभी भी समस्या का समाधान हाथ लगा है , वह ठीक ढंग से सोचने और करने से ही लगा है l समस्या की चिन्ता न कर समाधान खोजें l
जेम्स मिचनर नामक अमरीकी नागरिक द्वितीय विश्व युद्ध में अमरीका में नौसैनिक अधिकारी था l एक बार सुरक्षा की द्रष्टि वह प्रशान्त महासागर में मोटरबोट में घूम रहा था कि रास्ता भटक कर एक बिलकुल निर्जन द्वीप में पहुँच गया l बहुत सोच विचारकर उसने निश्चय किया कि क्यों कुछ लिखा जाये l अपने सैन्य जीवन में उसने जो कुछ देखा , सुना और अनुभव किया था , उसे कहानियों के कथानक के रूप में अपनी मोटरबोट में मौजूद पोर्टेबल टाइपराइटर में उतारना आरम्भ कर दिया l बाद में यही उसकी प्रथम पुस्तिका " टेल्स ऑफ दि साउथ पैसिफिक " के नाम से प्रख्यात हुईं l अपनी पांडुलिपि लेकर वह वापस बाहर आने और अपने शहर पहुँचने में सफल हुआ l अपनी इस कृति पर उसे पत्रकारिता का सर्वोच्च पुलित्जर पुरस्कार मिला , इसके बाद उसकी लेखन प्रतिभा विकसित होती गई l
जेम्स मिचनर नामक अमरीकी नागरिक द्वितीय विश्व युद्ध में अमरीका में नौसैनिक अधिकारी था l एक बार सुरक्षा की द्रष्टि वह प्रशान्त महासागर में मोटरबोट में घूम रहा था कि रास्ता भटक कर एक बिलकुल निर्जन द्वीप में पहुँच गया l बहुत सोच विचारकर उसने निश्चय किया कि क्यों कुछ लिखा जाये l अपने सैन्य जीवन में उसने जो कुछ देखा , सुना और अनुभव किया था , उसे कहानियों के कथानक के रूप में अपनी मोटरबोट में मौजूद पोर्टेबल टाइपराइटर में उतारना आरम्भ कर दिया l बाद में यही उसकी प्रथम पुस्तिका " टेल्स ऑफ दि साउथ पैसिफिक " के नाम से प्रख्यात हुईं l अपनी पांडुलिपि लेकर वह वापस बाहर आने और अपने शहर पहुँचने में सफल हुआ l अपनी इस कृति पर उसे पत्रकारिता का सर्वोच्च पुलित्जर पुरस्कार मिला , इसके बाद उसकी लेखन प्रतिभा विकसित होती गई l
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