जिन दिनों डाकुओं का आत्मसमर्पण होना था , उस समय आचार्य विनोबा भावे से एक चर्चा के दौरान आचार्य श्री ने कहा था -- जिसने अपराध किया है उसे दंड मिलना ही चाहिए l समाज के प्रति अपराध करने वाले को क्षमा नहीं किया जाये l अपराध को क्षमा कर देने से एक नयी परिपाटी जन्म लेगी l माफी मांगकर छूट जायेंगे , यह सोचकर दूसरे लोग भी अपराध में प्रवृत हो सकते हैं l
विनोबा जी का कहना था कि प्राचीनकाल में भी ह्रदय परिवर्तन के बाद क्षमा का विधान रहा था l वाल्मीकि और अंगुलिमाल इसके सबसे बड़े उदाहरण हैं l
आचार्य श्री ने कहा कि वे घटनाएँ अपवाद थीं l इसके अतिरिक्त उन्होंने बाद में घनघोर प्रायश्चित भी किया था l डाकुओं को क्षमा के बाद हम तो उन्हें सम्मानित जीवन का अवसर दे रहे हैं l क्षमा मिल जाने के बाद डाकू रहेंगे तो समाज में ही l उनका रौब - दाब भी रहेगा l जब वे सामान्य नागरिक की तरह स्वीकार कर लिए गए तो भविष्य में उनका राजनीतिक उपयोग भी हो सकता है l चुनाव आदि के समय बागियों के रौब - दाब का इस्तेमाल अपने पक्ष में वोट डालने के लिए किया जा सकता है l
इतने वर्ष पहले ( वर्ष 1960 ) में आचार्य श्री द्वारा कही गई यह बात अक्षरशः सत्य है l आज राजनीति का अपराधीकरण हो गया है l यदि सत्ता ऐसे हाथों में है जिनका नाम किसी न किसी अपराधिक गतिविधि में है तो कितने भी कानून बन जाएँ , समाज में बढ़ते हुए अपराधों पर नियंत्रण रखना कठिन है l
विनोबा जी का कहना था कि प्राचीनकाल में भी ह्रदय परिवर्तन के बाद क्षमा का विधान रहा था l वाल्मीकि और अंगुलिमाल इसके सबसे बड़े उदाहरण हैं l
आचार्य श्री ने कहा कि वे घटनाएँ अपवाद थीं l इसके अतिरिक्त उन्होंने बाद में घनघोर प्रायश्चित भी किया था l डाकुओं को क्षमा के बाद हम तो उन्हें सम्मानित जीवन का अवसर दे रहे हैं l क्षमा मिल जाने के बाद डाकू रहेंगे तो समाज में ही l उनका रौब - दाब भी रहेगा l जब वे सामान्य नागरिक की तरह स्वीकार कर लिए गए तो भविष्य में उनका राजनीतिक उपयोग भी हो सकता है l चुनाव आदि के समय बागियों के रौब - दाब का इस्तेमाल अपने पक्ष में वोट डालने के लिए किया जा सकता है l
इतने वर्ष पहले ( वर्ष 1960 ) में आचार्य श्री द्वारा कही गई यह बात अक्षरशः सत्य है l आज राजनीति का अपराधीकरण हो गया है l यदि सत्ता ऐसे हाथों में है जिनका नाम किसी न किसी अपराधिक गतिविधि में है तो कितने भी कानून बन जाएँ , समाज में बढ़ते हुए अपराधों पर नियंत्रण रखना कठिन है l
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