काम , क्रोध , लोभ ये सब मानसिक विकार हैं , जो व्यक्ति की बुद्धि पर हावी हो जाते हैं और उसे दुर्बुद्धि में बदल देते हैं l ऐसे विकारों से ग्रस्त व्यक्ति यदि धन और शक्ति संपन्न है , वह जब ऐसे क्षेत्रों में रहता है जहाँ शिक्षा व जागरूकता की कमी है , लोग आर्थिक द्रष्टि से कमजोर हैं , उनमे अत्याचार व अन्याय का सामना करने की हिम्मत नहीं है , तो ये विकार उस व्यक्ति को उन्मत कर देते हैं , उसके भीतर का राक्षस जग जाता है , फिर वह अपनी सामर्थ्य का प्रयोग ऐसे कमजोर लोगों के शोषण व अत्याचार करने के लिए करने लगता है l
जब समाज जागरूक होगा , अपने बीच रहने वाले ऐसे अपराधियों का बहिष्कार करेगा , उनकी गतिविधियों को समाज के सामने बेनकाब करेगा , तभी महिलाओं और छोटी बच्चियों पर होने वाले अत्याचार की रोकथाम संभव है l
अपराधी कायर होता है , वह अकेला नहीं होता l ऐसे लोगों का बहुत बड़ा गुट होता है , उन पर किसी न किसी का वरद हस्त होता है तभी वे समाज में रहकर ऐसे अमानुषिक कृत्य करते हैं l आज की सबसे बड़ी जरुरत है ऐसे पिछड़े क्षेत्रों को शिक्षित और जागरूक करने की l
जब समाज जागरूक होगा , अपने बीच रहने वाले ऐसे अपराधियों का बहिष्कार करेगा , उनकी गतिविधियों को समाज के सामने बेनकाब करेगा , तभी महिलाओं और छोटी बच्चियों पर होने वाले अत्याचार की रोकथाम संभव है l
अपराधी कायर होता है , वह अकेला नहीं होता l ऐसे लोगों का बहुत बड़ा गुट होता है , उन पर किसी न किसी का वरद हस्त होता है तभी वे समाज में रहकर ऐसे अमानुषिक कृत्य करते हैं l आज की सबसे बड़ी जरुरत है ऐसे पिछड़े क्षेत्रों को शिक्षित और जागरूक करने की l
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