अब ऐसे व्यक्तियों को ढूंढ पाना बहुत मुश्किल है , जिन्हें सच्चे अर्थों में मनुष्य कहा जा सके I अपराध तो अपराध है चाहे छोटा हो या बड़ा I जो जितना ज्ञानवान है वो इस ढंग से अपराध करेगा
कि वह बच जाये , उसका कहीं नाम भी न आये और उसके किये अपराध में सोची समझी योजना के अनुसार दूसरा फंस जाये l अब अपराध एक शानदार कृत्य , एक फैशन बन गया है , इसे कर के अब कोई लज्जित नहीं होता , बल्कि अपनी चतुरता की प्रशंसा पाने की आशा करता है और जो इसमें सम्मिलित नहीं होता वह बुद्धू और त्यागने योग्य है l इसी वजह से समाज में अनेक कठिनाइयाँ और समस्याएं बढ़ गईं हैं I
कि वह बच जाये , उसका कहीं नाम भी न आये और उसके किये अपराध में सोची समझी योजना के अनुसार दूसरा फंस जाये l अब अपराध एक शानदार कृत्य , एक फैशन बन गया है , इसे कर के अब कोई लज्जित नहीं होता , बल्कि अपनी चतुरता की प्रशंसा पाने की आशा करता है और जो इसमें सम्मिलित नहीं होता वह बुद्धू और त्यागने योग्य है l इसी वजह से समाज में अनेक कठिनाइयाँ और समस्याएं बढ़ गईं हैं I
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